क्या TRP ‘गेम जोन’ पर मेहरबान थे अफसर? BJP नेता वजुभाई वाला ने बताया क्यों हुआ हादसा?

अहमदाबाद

गुजरात के राजकोट अग्निकांड को लेकर बीजेपी के दिग्गज नेता और कर्नाटक के राज्यपाल रह चुके वजुभाई वाला ने बड़ा बयान दिया है। राजकोट में रहने वाले वाला ने कहा है कि टीआरपी गेम जोन पर स्थानीय प्रशासन की मीठी नजर (दया दृष्टि) थी। वाला का यह बयान उस खुलासे के बाद आया है। जिसमें साफ हुआ है कि टीआरपी गेम जोन के बाद फायर एनओसी नहीं थी। राजकोट गेम जोन अग्निकांड में अब तक 32 मौतें होने की बात सामने आई है, हालांकि प्रशासन की तरफ से अभी तक 28 मृतकों के नाम जारी किए गए हैं। अग्निकांड के बाद 18 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इस सब के बीच टीआरपी गेम जोन एक ‘पॉवरफुल तस्वीर’ सामने आई हैं। यह राजकोट में तैनात रहे आला अफसरों की है। पुलिस और प्रशासन के टॉप ऑफिसर्स एक साथ इस टीआरपी गेम जोन में पहुंचे थे।

राजकोट टीआरपी गेम जोन में अग्निकांड की घटना के लिए तीन डिपॉर्टमेंट जिम्मेदार हैं। इनकी लापरवाही से यहा भयावह हादसा हुआ है। इनमें राजकोट नगर निगम, जीईबी और राजकोट पुलिस शामिल हैं। अगर मैं अधिकारी होता तो पहले से कार्रवाई करता। मेरे समय साफ था कि अगर कहीं भी कोई गैर कानूनी गतिविधि चल रही है तो मेयर के दफ्तर में शाम चार बजे से छह बजे के बीच रूबरू मिलकर मुझे बताएं। मेरे कार्यकाल में ऐसी कोई घटना नहीं बनी।

एक साथ क्यों पहुंचे थे अफसर?
ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि इस गेम जोन में एक साथ ही राजकोट नगर निगम आयुक्त अमित अरोड़ा (IAS), डीडीओ देव चौधरी (IAS), एसपी बलराम मीणा (IPS), प्रवीण मीणा (डीसीपी), कलेक्टर अरुण महेश बाबू (IAS) क्यों पहुंचे थे? अगर ये अफसर वहां पहुंचे थे तो उनकी नजर सुरक्षा इंतजामों पर नजर क्यों नहीं पड़ी? इन आला अफसरों के साथ टीआरपी गेम जोन के पार्टनर और भागीदार भी मौजूद हैं। ऐसे में सवाल है कि जब पढ़े-लिखे अफसर एक साथ वहां गए और गेम जोन की मेहमान नवाजी की तो उन्होंने जरूरी चीजों का संज्ञान क्यों नहीं लिया? स्थानीय मीडिया से बातचीत में अब यह अधिकारी जवाब नहीं दे रहा पा रहे हैं। यह भी दावा किया जा रहा है कि राजकोट के आला अफसरों ने ही इस गेम जोन का उद्घटना किया था। इस तस्वीर टीआरपी गेम जोन के अपने इंस्टाग्राम हैंडल से 26 मार्च,2022 को साझा किया था।

छह के खिलाफ FIR, सिर्फ दो अरेस्ट
राजकोट गेम जोन हादसे में पुलिस ने आईपीसी की धारा 304, 308, 337 ,338, 114 के तहत कुछ छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें युवराज सोलंकी (इसके नाम पर लाइसेंस) और नितिन जैन को अरेस्ट किया है। बाकी चार की गिरफ्तारी होनी बाकी है। यह सामने आया है कि जब टीआरपी गेम जोन की सोशल मीडिया से लेकर तमाम प्लेटफॉर्म पर अपने ब्रांडिंग की हुई थी तो राजकोट नगर निगम (RMC) की नजर इस पर क्यों नहीं पड़ी? इसके पीछे पार्टनर्स की ऊंची पहुंचा का हवाला दिया जा रहा है। गेम जोन हादसे के बाद सामने आई पॉवरफुल तस्वीर से सवाल खड़ा हो रहा है कि SIT इन अधिकारियों से भी पूछताछ करेगी?

हाईकोर्ट में 27 मई को सुनवाई
राजकोट गेम जोन हादसे पर गुजरात हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट के डबल बेंच 27 मई की सुबह साढ़े नौ बजे इस हादसे पर सुनवाई करेगी। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के साथ बड़े महानगरों के निगमों से पूछा है कि गेम जोन को स्वीकृति किस आधार पर दी गई है। क्यों ये सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा नहीं हैं। अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा जैसे बड़े शहरों गेम जोन हैं। राज्य में फिलहाल हादसे के बाद सभी गेम जोन बंद कर दिए हैं। रविवार क

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