नई दिल्ली,
अमेरिका में इस साल नवंबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं. मुकाबला वर्तमान राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप के बीच है. गुरुवार को दोनों के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई. अब बाइडेन और ट्रंप शुक्रवार को पोस्ट-डिबेट रैली करने वाले हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारतीय समयानुसार शुक्रवार रात को नॉर्थ कैरोलिना के रैले में फैट जो और ई-40 जैसी हस्तियों के साथ एक रैली करेंगे. रैली में दोनों आर्टिस्ट फैट जो और ई-40 परफॉर्म करेंगे. उनके साथ उत्तरी कैरोलिना के गवर्नर रॉय कूपर और अटॉर्नी जनरल जोश स्टीन भी शामिल होंगे.
90 मिनट चली प्रेसिडेंशियल डिबेट
बाइडेन और ट्रंप के बीच गुरुवार को अटलांटा में हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट 90 मिनट चली जिसे सीएनएन ने आयोजित कराया था. आमतौर पर राष्ट्रपति चुनाव से पहले सितंबर के आसपास होने वाली ये पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट कई महीने पहले हुई. इस डिबेट में इजरायल-हमास जंग से लेकर, रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन से अमेरिका के संबंधों, अबॉर्शन, गन वायलेंस, टैक्स, महंगाई, बेरोजगारी, क्लाइमेट चेंज और अवैध प्रवासियों जैसे मुद्दों पर तीखी बहस हुई.
अर्थव्यवस्था को लेकर साधा निशाना
इस डिबेट की शुरुआत अमेरिका में बढ़ रही महंगाई के मुद्दे से हुई. बाइडेन ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि ट्रंप के राष्ट्रपति पद से हटने के बाद उन्हें ऐसी अर्थव्यवस्था मिली, जो खस्ताहाल थी. बाइडेन ने कहा कि उन्होंने बड़े पैमाने पर रोजगारों का सृजन किया और बढ़ती दवाइयों की कीमतों पर लगाम लगाई. इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि बाइडेन सरकार में अमेरिका में बड़ी तादाद में अवैध प्रवासी पहुंचे हैं.
‘अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शर्मनाक थी’
ट्रंप ने बाइडेन सरकार के पहले साल में ही अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की रवानगी पर उन्हें जमकर घेरा. ट्रंप ने कहा कि बाइडेन के कार्यकाल में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का निकलना शर्मनाक था. हम अफगानिस्तान में कई अरब डॉलर की सैन्य सामग्री और हथियार छोड़कर आए हैं. हमारे सैनिक वहां मारे गए हैं.
‘बाइडेन अब तक के सबसे खराब चीफ कमांडर’
रूस और यूक्रेन युद्ध से जुड़े सवाल पर ट्रंप ने कहा कि बाइडेन ने इस जंग को रोकने के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने बल्कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन पर हमला करने के लिए उकसाया. बाइडेन अब तक के सबसे खराब चीफ कमांडर हैं. उनकी तुलना में अमेरिकी सैनिक मुझे ज्यादा पसंद करते हैं. अगर अमेरिका के पास ऐसा राष्ट्रपति होता, जिसका पुतिन सम्मान करते तो वह कभी यूक्रेन पर धावा नहीं बोलते. ऐसे में हमास भी इजरायल पर हमला नहीं करता. मैं राष्ट्रपति चुना गया तो पद संभालने से पहले ही रूस-यूक्रेन जंग खत्म करवा दूंगा.