नई दिल्ली:
करुवन्नूर सेवा सहकारी बैंक में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक कथित प्लॉट और 73 लाख रुपये की बैंक जमाराशि को कुर्क किया है। त्रिशूर में CPI(M) नियंत्रित करुवन्नूर सहकारी बैंक में करोड़ों की हेराफेरी के आरोपों की जांच कर रही ईडी की टीम इस मामले में पार्टी को आरोपी बनाने के लिए तैयार है। पिछले महीने ही ED ने दिल्ली शराब घोटाला मामले आम आदमी पार्टी (AAP) को आरोपी के रूप में नामित किया था। यह पहली बार था जब किसी मामले में ईडी की ओर से किसी राजनीतिक दल को आरोपी बनाया गया था। वहीं CPI(M) ने गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से इनकार किया है साथ ही कहा है कि आरोपी बनाने की जांच एजेंसी के किसी भी कदम का डटकर मुकाबला करेंगे।
क्या प्लॉट CPI(M) के ऑफिस के लिए था
माकपा ने ईडी के आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वह करोड़ों रुपये के कथित करुवन्नूर बैंक घोटाले से संबंधित मामले में उसे आरोपी बनाने की जांच एजेंसी के किसी भी कदम का कानूनी और राजनीतिक रूप से डटकर मुकाबला करेगी। पार्टी के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन ने आरोप लगाया कि ईडी राजनीतिक कारणों से विभिन्न मामलों में विपक्षी दलों और उनके नेताओं को आरोपी बनाने का प्रयास कर रही है। ईडी का मानना है कि उसने जो प्लॉट सीज किया है वह माकपा के पार्टी ऑफिस के लिए था और उसे ऋणधारकों या करुवन्नूर सेवा सहकारी बैंक द्वारा मंजूर किए गए ऋण के लाभार्थियों से मिली कथित रिश्वत से खरीदा गया था।
300 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप
त्रिशूर मामले में यह आरोप लगाया गया है कि बैंक कर्मचारियों द्वारा करीब 300 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई और इस घोटाले में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के स्थानीय पदाधिकारी शामिल थे। करुवन्नूर उन कोऑपरेटिव बैंकों में से एक है जिस पर बीते तीन साल में आर्थिक धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। इस पूरे मामले की जांच ईडी कर रही है। बैंक ने कई हजार ग्राहकों का पैसा लौटाने से मना कर दिया था। इस घोटाले ने 2021 में राज्य की CPI(M) सरकार को हिलाकर रख दिया था। केरल की सरकार मजबूत कोऑपरेटिव बैंक को लेकर अपनी पीठ थपथपाती थी अब उसी बैंक पर घोटाले के आरोप हैं।
मंत्री पर लगे गंभीर आरोप
ED ने पिछले साल कहा था कि बैंक ने सीपीआई (एम) विधायक और पूर्व मंत्री ए सी मोइदीन के कहने पर बेनामी ऋण बांटे थे। अगस्त 2023 में ईडी ने त्रिशूर में मोइदीन के घर पर छापा मारा था। मोइदीन एलडीएफ शासन के दौरान 2016 से 2021 तक स्थानीय स्वशासन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया। इससे पहले उन्होंने त्रिशूर में सीपीआई (एम) के जिला सचिव के रूप में कार्य किया था। बैंक में 12,000 जमाकर्ता थे और बैंक द्वारा उनका पैसा वापस लौटाने से मना करने पर कुछ ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।