लातूर,
नीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) की टीम अब महाराष्ट्र के लातूर जाने वाली है. लातूर पुलिस की SIT सीबीआई को नीट पेपर लीक केस ट्रांसफर कर दिया है. सीबीआई एक या दो दिन में लातूर नीट पेपर लीक केस में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर सकती है.
महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस को 21 जून को नीट परीक्षा घोटाले में जिला परिषद स्कूल के शिक्षकों की संलिप्तता के बारे में सूचना मिली थी. सूचना पर कार्रवाई करते हुए लातूर के टाकली स्थित जिला परिषद स्कूल के शिक्षक संजय तुकाराम जाधव (40) और लातूर के कटपुर स्थित जिला परिषद स्कूल के प्रधानाध्यापक जलीलखाम पठान (34) को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. दोनों के मोबाइल फोन चेक किए गए तो उनमें संदिग्ध डिटेल्स मिली थी, जिनके बिनाह पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. लातूर पुलिस की एसआईटी अब यह केस सीबीआई को सौंपेगी, जो पहले ही नीट पेपर लीक मामले में बिहार, झारखंड और गुजरात के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमार रही है.
कई परीक्षाओं में सेंधमारी कर चुके हैं आरोपी
एफआईआर में बताया गया है कि, “एटीएस नांदेड़ यूनिट के एक अधिकारी द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, जाधव और पठान कथित तौर पर पैसे लेकर सरकारी और सरकार अधिकृत परीक्षाओं में गड़बड़ी करके परीक्षा पास कराने का रैकेट चला रहे थे. इसके बाद इस जानकारी को वरिष्ठों के साथ शेयर किया गया और आगे की जांच के लिए एक टीम लातूर के लिए रवाना हुई. वहां पहुंचकर जाधव और पठान को एटीएस अधिकारियों ने लातूर के स्थानीय अपराध शाखा कार्यालय में बुलाया.
एफआईआर में आगे कहा गया है कि “दोनों संदिग्धों को संवेदनशील संज्ञेय अपराध के सत्यापन और ज्ञात पते से प्रारंभिक जांच के लिए लातूर पुलिस बल के तहत स्थानीय अपराध शाखा के कार्यालय में आने के लिए कहा गया था. जब दोनों को पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी की पुष्टि करने के लिए अपने मोबाइल फोन को स्क्रॉल करने का निर्देश दिया गया, तो अधिकारियों को उनके फोन गैलरी में विभिन्न परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड की प्रतियां मिलीं. इसके साथ ही, परीक्षार्थियों के बारे में कई व्हाट्सएप चैट थे. आरोपी जलीलखम पठान ने संजय जाधव नामक आरोपी को कुछ एडमिट कार्ड की प्रतियां और टेक्स्ट मैसेज और पैसों के लेन देन के बारे में कुछ भेजा हुआ था.
5 लाख में करते थे सौदा, 50 हजार एडवांस
23 जून को लातूर के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में संजय जाधव, जलील पठान, इरन्ना और गंगाधर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. संजय जाधव और जलील पठान दोनों को 2 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. हालांकि गंगाधर पर पेपर लीक का मास्टरमाइंड होने का संदेह है. पुलिस के अनुसार, जाधव और पठान दोनों ने परीक्षार्थियों से NEET परीक्षा में उत्तीर्ण कराने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की. उन्होंने एडवांस के तौर पर 50,000 रुपये ले लिए थे और बाकी रकम परीक्षा पास करने के बाद परीक्षार्थी से ली जानी थी.
सीबीआई ने एक पत्रकार समते 5 को गिरफ्तार किया
बता दें कि शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर नीट पेपर लीक केस सीबीआई को सौंपा गया था, जिसके बाद बिहार और झारखंड में मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) से सूबत और जांच रिपोर्ट ली गई थी. इसके बाद सीबीआई ने अभी तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है जिनमें ओएसिस स्कूल हजारीबाग के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम, मनीष, आशुतोश और एक पत्रकार जलालुद्दीन शामिल हैं. वहीं जिन लोगों को EOU ने गिरफ्तार किया था सीबीआई उनसे भी पूछताछ कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को सुनवाई
8 जुलाई को नीट पेपर लीक केस की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. इस बात की बहुत संभावना है कि सीबीआई भी कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखेगी और अब तक की जांच से कोर्ट को अवगत कराएगी. EOU की जांच टीम भी मौजूद रह सकती है. जरूरत पड़ी तो वो भी अपना पक्ष रख सकते हैं.