नई दिल्ली:
इस साल जून महीने में देश भर के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ी। जून के मध्य में भारत में करीब 62 करोड़ लोगों को लू का सामना करना पड़ा। क्लाइमेट चेंज की वजह से गर्मी और ज्यादा बढ़ गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, जून महीने में भीषण गर्मी से प्रभावित लोगों की संख्या में भारत दुनिया में पहले नंबर पर रहा। इसके बाद चीन, इंडोनेशिया और नाइजीरिया का स्थान रहा। गर्मी को लेकर ये रिपोर्ट क्लाइमेट चेंज पर रिसर्च करने वाली संस्था क्लाइमेट सेंट्रल ने जारी की है।
भारत में सबसे ज्यादा पड़ी गर्मी
इस रिपोर्ट के अनुसार, 16 जून से 24 जून तक भारत में भीषण गर्मी पड़ी। कुछ इलाकों में तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया। दिन के साथ-साथ रात का न्यूनतम तापमान भी 37 डिग्री तक दर्ज किया गया। भीषण गर्मी के चलते देश भर में 40 हजार से ज्यादा हीटस्ट्रोक के मामले सामने आए और 100 लोगों से ज्यादा की मौत हो गई। भीषण गर्मी से सबसे बुरा हाल उत्तर-पश्चिम भारत का रहा। खासतौर पर राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, यूपी और बिहार में गर्मी ने सबसे ज्यादा परेशान किया। इन इलाकों में जून के दौरान लू चलने की वजह से हीट स्ट्रेस के मामले भी ज्यादा आए। डॉक्टरों ने यह भी पाया कि जिन मजदूरों को पहले कभी हाई ब्लड प्रेशर, शुगर या कोलेस्ट्रॉल की समस्या नहीं थी, उन्हें भी काम करते वक्त अचानक हीट स्ट्रोक पड़ा।
दुनियाभर के पांच अरब लोग हुए गर्मी से प्रभावित
जून महीने में दुनिया भर में लगभग 5 अरब लोग भीषण गर्मी से प्रभावित हुए थे। उसी अवधि में वैश्विक स्तर पर 4.97 अरब से अधिक लोगों ने अत्यधिक गर्मी का अनुभव किया, जो दुनिया की आबादी का 60% से अधिक है। क्लाइमेट सेंट्रल में जलवायु विज्ञान के निदेशक एंड्रयू पर्शिंग ने कहा, एक सदी से भी अधिक समय से कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस जलाने से हमारा पर्यावरण लगातार खतरनाक होता जा रहा है।
इन देशों में भी बुरा हाल
जून महीने में दुनिया भर में भीषण गर्मी की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा थी। चीन में 57.9 करोड़ लोग इससे प्रभावित हुए, जहां तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इंडोनेशिया में भीषण गर्मी का सामना करने वालों की संख्या 23.1 करोड़ थी, जबकि नाइजीरिया में 20.6 करोड़ लोग प्रभावित हुए। ब्राजील (17.6 करोड़), बांग्लादेश (17.1 करोड़) और अमेरिका (16.5 करोड़) सहित अन्य देश भीषण रूप से प्रभावित हुए। गर्मी की इस लहर ने कोपा अमेरिका फुटबॉल टूर्नामेंट को भी प्रभावित किया।
अमेरिका और कनाडा में भी भीषण गर्मी
अमेरिका के कंसास सिटी में पेरू और कनाडा के बीच हुए मैच के दौरान एक रेफरी तेज गर्मी और उमस के कारण बेहोश हो गया। उस समय तापमान 38 डिग्री सेल्सियस और नमी का स्तर 50% से अधिक था। इसी दौरान, सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी के कारण कम से कम 1,300 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, जहां तापमान 52 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ग्रीस के एथेंस में स्थित ऐतिहासिक स्थल अकर्पोलिस को 43 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के कारण बंद करना पड़ा। अत्यधिक गर्मी के कारण छह पर्यटकों की मृत्यु हो गई।
जानिए कहां कितने लोग हुए भीषण गर्मी से प्रभावित
भारत में 61.9 करोड़ लोग
चीन में 57.9 करोड़ लोग
इंडोनेशिया में 23.1 करोड़ लोग
नाइजीरिया में 20.6 करोड़ लोग
ब्राज़ील में 17.6 करोड़ लोग
बांग्लादेश में 17.1 करोड़ लोग
अमेरिका में 16.5 करोड़ लोग
यूरोप (रूस को छोड़कर) में 15.2 करोड़ लोग
मेक्सिको में 12.3 करोड़ लोग
इथियोपिया में 12.1 करोड़ लोग
मिस्र में 10.3 करोड़ लोग