अयोध्या,
उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के नवनिर्मित राम पथ के कई हिस्सों में सड़क धंसने और जलभराव के बाद लापरवाही बरतने के लिए स्थानीय निकाय बॉडी के छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही सरकार ने अहमदाबाद की एक कंपनी को नोटिस जारी किया है.सरकार के इस एक्शन के बाद फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद ने राम पथ और सीवर लाइन के निर्माण में कथित अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.भारी बारिश के बाद रामपथ पर कई जगह सड़क धंसने और जलभराव के बाद लापरवाही बरतने वाले छह अधिकारियों के निलंबित कर दिया है, जिसमें 3 पीडब्ल्यूडी और तीन जल निगम के अधिकारी शामिल हैं.
राम के नाम पर अयोध्या में हुई लूट: अवधेश प्रसाद
सरकार के इस एक्शन के बाद फैजाबाद के नवनिर्वाचित सांसद अवधेश प्रसाद ने शनिवार को अयोध्या में 14 किलोमीटर लंबे राम पथ और सड़क की नीचे सीवर लाइनों के निर्माण में कथित अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. प्रसाद ने कहा, “कितने लोग जिम्मेदार हैं, कौन जिम्मेदार हैं, सब कुछ स्पष्ट होना चाहिए. कुछ लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं है. राम पथ निर्माण में अनियमितता में और भी लोग शामिल हैं. यह एक बड़ा मुद्दा है. राम के नाम पर लूट की जा रही है. एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई जानी चाहिए और समयबद्ध तरीके से जांच की जानी चाहिए.”
अस्पताल में भी फैली है गंदगी
उन्होंने कहा कि अगर राम पथ की सड़कें अच्छी बनी होती तो गड्ढे भरने की जरूरत नहीं पड़ती. दुनिया भर से लोग अयोध्या आते हैं, राम पथ का घटिया निर्माण हम सभी के लिए शर्म की बात है. राम पथ में गड़बड़ी से राम का नाम बदनाम हो रहा है. श्रीराम अस्पताल कीचड़ और गंदगी से भरा हुआ है और अस्पताल से बदबू आ रही है.
इन अधिकारियों पर गिरी गाज
विशेष सचिव विनोद कुमार के आदेश पर पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता वीके श्रीवास्तव ने पीडब्ल्यूडी कार्यकारी अभियंता ध्रुव अग्रवाल, सहायक अभियंता अनुज देशवाल और कनिष्ठ अभियंता प्रभात पांडे को निलंबित कर दिया है. जबकि जल निगम के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार मिश्रा ने कार्यकारी कार्यकारी अभियंता आनंद कुमार दुबे, सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार यादव और जूनियर इंजीनियर मोहम्मद शाहिद को निलंबित करने का आदेश दिया है. इसके अलावा योगी सरकार ने इस मामले में अहमदाबाद स्थित ठेकेदार भुवन इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया है.
खराब हुई यूपी सरकार की छवि
पीडब्ल्यूडी ऑफिस के आदेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण के कुछ वक्त बाद ही राम पथ की सबसे ऊपरी परत क्षतिग्रस्त हो गई जो काम में लापरवाही को दिखाती है. और इससे आम लोगों के बीच यूपी सरकार की छवि को नुकसान हुआ है. पीडब्लूडी प्रमुख सचिव अजय चौहान ने कहा कि इस मामले में आगे जांच चल रही है.
आपको बता दें कि 23 जून और 25 जून को बारिश के बाद राम पथ के किनारे लगभग 15 गलियों और सड़कों पर पानी भर गया था. यहां तक कि सड़क के किनारे के घर भी पानी में डूब गए. 14 किलोमीटर लंबी सड़क के हिस्से भी एक दर्जन से अधिक स्थानों पर टूट गए. जिसके बाद इस विकास कार्य पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. साथ ही राम पथ की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.