ब्रिजटाउन (बारबाडोस)
डेविड मिलर ने आखिरी ओवर की पहली ही बॉल छक्के के लिए लगभग बाउंड्री पार भेज ही दी थी, लेकिन तभी सूर्यकुमार यादव ने चमत्कारिक कैच लेकर फाइनल का रुख पलट दिया। ये सबकुछ प्रेस बॉक्स के ठीक नीचे हो रहा था। पहली बार में तो किसी को दिखाई ही नहीं दिया कि सूर्या ने क्या चमत्कार कर दिया। बाद में जब टेलीविजन पर रिप्ले दिखाया गया तो पता लगा कि उन्होंने कैच नहीं बल्कि वर्ल्ड कप पकड़ा है।
मैंने उड़ते हुए वर्ल्ड कप को पकड़ लिया
जब TOI ने सूर्या से मुलाकात की तो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टी-20 बल्लेबाज ने कहा, ‘मैं वास्तव में नहीं जानता कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा था। मैं बस विश्व कप को उड़ता हुआ देख रहा था और मैंने बस उसे पकड़ लिया। मैं उस क्षण में देश के लिए कुछ विशेष करने के लिए आभारी हूं। यह भगवान की योजना थी।’
कपिल देव के कैच से तुलना
सूर्यकुमार की इस कैच ने कई लोगों को 1983 एकदिवसीय विश्व कप में मदन लाल की गेंद पर कपिल देव के उस कैच की याद दिला दी जिस पर महान विवियन रिचर्ड आउट हुए थे। जब भी भारतीय इतिहास के महान कैचों की चर्चा होती है, तो सबसे पहले जो कैच याद आता है, वह है कपिल देव ने 1983 विश्व कप में विव रिचर्ड्स को आउट करने के लिए लिया था। इसने भारतीय क्रिकेट इतिहास की दिशा बदल दी और 1983 विश्व कप के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज और वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने टीओआई को बताया कि सूर्या का कैच कपिल के कैच जितना ही अच्छा था।
आखिरी ओवर में भारत ने जीता वर्ल्ड कप
रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम ने शनिवार को बारबाडोस में खेले गए फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को सात रन से हराया था। आखिरी ओवर में दक्षिण अफ्रीका को 16 रन की दरकार थी और खतरनाक डेविड मिलर ने हार्दिक पंड्या की फुल टॉस पर लांग ऑफ की तरफ बड़ा शॉट लगाया, लेकिन सूर्यकुमार ने बाउंड्री के करीब गेंद को पकड़ा, और बाउंड्री रस्सी के बाहर जाते हुए इसे छोड़ दिया और फिर वापस आकर शानदार कैच लपक लिया।