भोपाल ,
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नदी जोड़ो परियोजना को लेकर रखे गए कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शिरकत की. इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहे. इस दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों ने नदियों के पवित्र जल को कलश में समाहित किया. दरअसल, एमपी और राजस्थान के बीच चंबल-पार्वती-कालीसिंध नदी के पानी को लेकर एमओयू पहले ही साइन हो चुका है. भोपाल में पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना के सही क्रियान्वयन के लिए कार्यक्रम रखा गया था.
एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावना के अनुरूप चंबल-पार्वती-कालीसिंध की जल-धाराओं का मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए उपयोग का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. दोनों राज्यों के बीच परियोजना के क्रियान्वयन के लिए एमओयू हुआ है. इस समझौते के कारण ही मुरैना, ग्वालियर,श्योपुर, राजगढ़ सहित 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई की सुविधाएं बढ़ाई जा सकेंगी. पानी की एक-एक बूंद का राजस्थान और मध्यप्रदेश में उपयोग होगा, जिससे दोनों राज्यों के विकास में नई इबारत लिखी जायेगी. यह 72 हजार करोड़ रुपये की योजना है. दोनों राज्यों के बीच जल समस्या के हल से पर्यटन के क्षेत्र में भी विकास की बड़ी संभावनाएं हैं. विशेष रूप से चंबल, श्योपुर और रणथंभोर में पर्यटन की संभावना अधिक है. उन्होंने कहा कि राजस्थान ने रेगिस्तान में भी पर्यटन को विकसित कर दिया है. हमारे यहां धार्मिक पर्यटन की बड़ी संभावना है.
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से दोनों प्रदेशों की उन्नति होगी. राज्य और केंद्र मिलकर इस परियोजना को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में वर्तमान में स्थिति बदली है. इस योजना से दोनों प्रदेशों को लाभ होगा साथ ही आपसी रिश्ते भी सुदृढ़ होंगे.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण राजस्थान में भी आए थे. राजस्थान और मध्यप्रदेश के अंदर खाटू श्याम से महाकाल तक कॉरिडोर बनाने के प्रयास होंगे. इससे राजस्थान- मध्यप्रदेश के अंदर पर्यटक और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. सीएम भजनलाल ने कहा कि कई बार रणथंभोर से टाइगर मध्यप्रदेश आ जाते हैं और इसी तरह मध्यप्रदेश से चीते राजस्थान में पहुंच जाते हैं, इसलिए वन्य-प्राणियों के संरक्षण और पर्यटन के लिए योजना बनाई जाएगी.
योजना की खासियत
पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना से एमपी में लगभग 4 लाख हेक्टयर में सिंचाई होगी और राजस्थान में 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी. आपको बता दें कि साल 2026 तक सरकार का मध्यप्रदेश में 65 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य है.