अलवर:
राजस्थान के अलवर जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में कुप्रबंधन का बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा यहां रूटीन हेल्थ चेकअप के लिए पहुंचे थे। उन्हें आईसीयू में ले जाया गया। उनकी जांच चल ही रही थी कि बिजली कटौती हो गई। आईसीयू की भी इस दौरान बत्ती गुल हो गई। सोमवार को अपने रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल गए मंत्री शर्मा को आईसीयू वार्ड में बिजली गुल होने के कारण टॉर्च की रोशनी में चेकअप करवाना पड़ा।
मंत्री का जवाब भी चौंकाने वाला, यह कोई नई बात नहीं है
हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने तुरंत जनरेटर चालू कर दिया, लेकिन इस घटना ने अस्पताल में व्याप्त कुप्रबंधन और अव्यवस्था की पोल खोल दी है। यह घटना और भी गंभीर हो सकती थी क्योंकि उस समय कोई भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं था। अगर कोई मरीज वेंटिलेटर पर होता तो उसकी जान भी जा सकती थी। इस घटना के बाद मंत्री शर्मा ने कहा, ‘यह कोई नई बात नहीं है, लाइट चली जाती है तो जनरेटर से व्यवस्था हो जाती है।’
अस्पताल परिसर में बारिश का पानी भरा
इस घटना के अलावा अस्पताल परिसर में बारिश का पानी जमा होने से भी मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस बारे में पूछे जाने पर मंत्री शर्मा ने कहा, ‘अगर तेज बारिश होगी तो वार्ड में पानी भी भरेगा लेकिन जिला अस्पताल के पास निकासी की पूर्ण व्यवस्था है।’ हालांकि, स्थानीय लोगों और अस्पताल के कर्मचारियों ने मंत्री के दावों का खंडन किया है। उनका कहना है कि अस्पताल में बिजली कटौती और जलभराव आम समस्या है। अस्पताल प्रशासन इन समस्याओं को दूर करने में पूरी तरह विफल रहा है।
इस घटना के बाद से ही अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को लेकर लोगों में खासी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि अगर एक मंत्री को अस्पताल में इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है तो आम आदमी की क्या दशा होती होगी। इस घटना से साफ है कि सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सरकार को चाहिए कि वह सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए।