जयपुर
राजस्थान उच्च न्यायालय ने खाने-पीने की चीजों में मिलावट से बढ़ रहे रोगों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। इसको लेकर हाई कोर्ट ने शरीर पर पड़ रहे गंभीर रोगों के प्रभाव को लेकर सरकार पर टिप्पणी करते हुए आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। हाई कोर्ट का मानना है कि 20% खाद्य पदार्थ मिलावटी और असुरक्षित गुणवत्ता पूर्वक बिक रहे हैं, जबकि सर्वे के अनुसार 70% दूध पानी मिला होता है। इसको लेकर हाईकोर्ट ने गहरी चिंता जाहिर की है।
हाई कोर्ट ने कहा, मिलावटी की चीजों की वजह से गंभीर रोग हो रहे हैं
खाद्य सामग्री में मिलावट को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को विशेष निर्देश जारी किए है। इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। मिलावटी वस्तुओं के सेवन से व्यक्ति के शरीर में कई गंभीर रोग हो रहे हैं। किडनी, हृदय, लीवर से संबंधित बड़े दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं। यहीं नहीं मिलावट के कारण अब लोगों में कैंसर भी बढ़ने लगा है। व्यापारी अधिक दाम कमाने के लालच में लोगों के स्वास्थ्य से खेल रहे हैं। लोगों को सस्ती और घटिया चीज मिलाकर बेचते हैं।
हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों से जवाब मांगा
खाद्य पदार्थों में हो रहे मिलावट के खेल को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख दिखाया है। इस दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के गृह, स्वास्थ्य, कृषि व खाद्य आपूर्ति मंत्रालय, खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण तथा राज्य के मुख्य सचिव, गृह, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिवों सहित अन्य को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों के नियमित सैंपल लेकर हर महीने के अंत में कोर्ट में जांच रिपोर्ट और मिलावट रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी।
हाई कोर्ट ने कहा 20% खाद्य पदार्थ मिलावटी
खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि वर्तमान में 20% खाद्य पदार्थ मिलावटी और असुरक्षित होते हैं। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के सर्वे के अनुसार 70% दूध में पानी मिला होता हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 मिलावट को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है, क्योंकि यह कानून असंगठित क्षेत्र और हॉकर्स आदि पर लागू नहीं होता है। यह सिर्फ प्रोसेसिंग पर लागू होता है। हाई कोर्ट ने कहा कि मिलावट के सैंपल जांच के लिए राज्य में लैब भी कम है, इसलिए सरकार को मिलावट की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई करनी होगी।
हाईकोर्ट ने सरकार को दिए निर्देश
1. राज्य सरकार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को त्योहार या शादी के सीजन तक सीमित नहीं रखें
2. मिलावट पर नियंत्रण और मॉनिटरिंग के लिए मुख्य सचिव की 3. अध्यक्षता में राज्य और कलक्टरों की अध्यक्षता में जिला स्तर पर कमेटियां बनाई जाए
4. केंद्र और राज्य सरकार खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 को पुख्ता बनाने के लिए कदम उठाए
5. राज्य खाद्य सुरक्षा प्राधिकारी मिलावट को लेकर हाई रिस्क एरिया और समय चिह्नित करें
6. लैब को पर्याप्त एक्युपमेंट और संसाधन उपलब्ध कराएं
7. केंद्र और राज्य सरकार की वेबसाइट पर खाद्य सुरक्षा अधिकार सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के नंबर और टोल फ्री नंबर जारी किए जाएं