हाथरश:
उत्तर प्रदेश के हाथरस सत्संग हादसे में 107 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है। हादसे के बाद अस्पताल के बाहर और अंदर काफी संख्या में शव रखे हुए देखे गए हैं। ट्रामा सेंटर सिकंदराराऊ के बाहर स्थानीय विनीत कुमार ने दावा किया कि उन्होंने यहां अपने हाथ से 107 शवों की गिनती की है। इसमें चार बच्चे भी शामिल हैं। वहीं भीड़ में खड़े लोगों ने दावा किया कि यहां पर डॉक्टर न होने की वजह से भी कई लोगों की जान चली गई है।
डीएम हाथरस आशीष पटेल ने बताया कि सत्संग के अंत में ज्यादा उमस के कारण ये घटना हुई है। अभी सभी घायलों को निकाल कर अस्पताल भेजा जा रहा है। स्थानीय सीएचसी से डॉक्टरों ने बताया है कि करीब 50 से 60 लोगों की मौत हुई है। इसकी सत्संग की अनुमति एसडीएम के जरिए दी गई थी। ये एक प्राइवेट आयोजन था। इसमें सुरक्षा के लिए व्यवस्था की गई थी। अंदर की व्यवस्था आयोजकों को करनी थी।
पीड़ितों को सीएम सहायता का ऐलान
हाथरस की दुर्घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही दो मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को मौके पर भेजा गया है। एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर हादसे के कारणों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
हाथरस हादसे पर पीएम मोदी का बयान
पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा जिन लोगों की हाथरस हादसे में जान गई है, मैं उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है।