नई दिल्ली,
आम आदमी पार्टी अब असम में भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. बुधवार को AAP मंत्री आतिशी और नॉर्थ ईस्ट प्रभारी राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ़ 2021 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व कांग्रेस नेता रमेन चंद्र बरठाकुर को आम आदमी पार्टी में ज्वाइन करवाया.
रमेन चंद्र असम प्रदेश कांग्रेस के पूर्व जनरल सेक्रेटरी और प्रभारी के अलावा प्रवक्ता भी रह चुके हैं और अप्रैल 2024 में रमेन ने कांग्रेस की सदस्य्ता से इस्तीफा दे दिया था. आतिशी ने कहा कि रमेन चंद्र सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के भ्रष्टाचार और बुल्डोजर राजनीति के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे हैं. रमेन चंद्र के ‘आप’ परिवार में जुड़ने से असम में पार्टी को मजबूती मिलेगी.
आतिशी ने कहा कि गुवाहाटी के नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी एक सीट जीती और 24 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही. तिनसुखिया और लखीमपुर नगर निगम में भी आम आदमी पार्टी की मौजूदगी रही है. इस लोकसभा चुनाव में हमने असम में एक अच्छी शुरुआत की है.
कांग्रेस से मुझे कुछ नहीं मिला
AAP में शामिल होने के बाद रमेन चंद्र बरठाकुर ने ‘आजतक’ के साथ बातचीत में कांग्रेस से इस्तीफे देने की वजह बताते हुए कहा कि मैंने कांग्रेस को जो सर्विस दी, उसके रिटर्न में मुझे कुछ नहीं मिला है. साल 2019 में भी मुझे सांसद का टिकट नहीं दिया गया. फिर 2024 में भी टिकट नहीं दिया गया. मैं कांग्रेस पार्टी से टिकट न देने की वजह पूछी लेकिन मुझे कोई वजह नहीं बताई गई. मैं कांग्रेस पार्टी को सपोर्टिव सर्विस दी लेकिन पार्टी ने मेरे साथ जस्टिस नहीं किया, इसलिए मैंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
वहीं, आम आदमी पार्टी के नॉर्थ ईस्ट प्रभारी राजेश शर्मा ने कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया और कहा कि असम चुनाव को लेकर हम बहुत गंभीर हैं. 2026 के फरवरी-मार्च में असम में चुनाव होगा, पूरी ताकत के साथ असम में चुनाव लड़ेंगे. चुनाव के लिए कई लोग आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं. रमेन चंद्र बरठाकुर लंबे समय से अरविंद केजरीवाल की नीतियों का समर्थन कर रहे हैं.
असम की बौद्धिक जगत में इनका बहुत नाम है. असम में कांग्रेस हिमंत बिस्वा सरमा के इशारे पर चलती है और कांग्रेस से आए रमेन चंद्र बरठाकुर कर सकते हैं. असम कांग्रेस अलग तरीके से काम कर रही है और इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में देखने मिला. हमने लोकसभा चुनाव में गुवाहाटी की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी लेकिन हमें एक सीट भी नहीं दी. इससे जाहिर होता है कि असम में कांग्रेस हेमंत बिस्व शर्मा के इशारे पर काम करती है.