न पत्नी और न ही सेविका… जानिए कौन है ‘भोले बाबा’ के साथ सत्संग के दौरान मंच पर बैठने वाली महिला?

हाथरस ,

हाथरस की भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद से सत्संग में प्रवचन देने वाले नारायण साकार हरि या साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा सुर्खियों में हैं. कई दावों में सत्संग के दौरान मंच पर बैठने महिला को बाबा की पत्नी या सेविका बताया जा रहा है. लेकिन भक्तों के बीच ‘मां जी’ के नाम से पहचाने जानी वाली महिला बाबा की पत्नी नहीं, बल्कि रिश्ते की मामी लगती है.

यूपी के एटा जिले के बहादुर नगर गांव में जन्मे बाबा साकार हरि का असली नाम सूरजपाल सिंह जाटव है. सत्संग मार्ग में आने से पहले सूरजपाल इटावा पुलिस में पदस्थ था. नौकरी के दौरान साल 1997 में बाबा के ऊपर यौन शौषण की एफआईआर भी दर्ज हुई थी. लेकिन जेल से छूटने के बाद वह साकार विश्व हरि बाबा बनकर सत्संग करने लगा.

सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के उपर अब तक 5 मुकदमे चल रहे हैं इनमें से 1- 1 केस आगरा, इटावा, कासगंज और फर्रुखाबाद और राजस्थान के दौसा में दर्ज है.साकार विश्व हरि या भोले बाबा उर्फ सूरजपाल की पत्नी का नाम कटोरी देवी है. सूरजपाल तीन भाइयों में से सबसे बड़ा है. इनसे छोटे भाई रामप्रसाद की मृत्यु हो चुकी है. तीसरे नंबर के भाई राकेश गांव में रहकर खेती का काम करते हैं.

सूरजपाल से बने साकार विश्व हरि बाबा अपने पैतृक गांव में बने आश्रम पर आखिरी बार 23 मई 2023 को आये थे, तब से नहीं आए हैं. हालांकि, उनके आश्रम पर हर मंगलवार को हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है. बाबा के अनुयाई आश्रम पर पहुंचकर अपने आपको को धन्य समझते हैं.

पश्चिमी यूपी के जिलों में बाबा के कई एकड़ जमीन पर आश्रम हैं, जहां लगातार सत्संग के कार्यक्रम चलते रहते हैं. बाबा के अनुयायियों में सबसे बड़ा वर्ग अनुसूचित जाति-जनजाति और ओबीसी वर्ग का है. वंचित वर्ग बाबा को भोले बाबा के रूप में देखते हैं. बाबा नारायण हरि या साकार विश्व हरि भोले बाबा अपने अलग अंदाज को लेकर विख्यात है.

भक्तों का दावा है कि साकार हरि उर्फ भोले बाबा के साथ उनकी मामी भी सत्संग के मंच पर बैठती है. अनुयायियों का दावा है कि बाबा कोई भी दान-दक्षिणा या चढ़ावा आदि नहीं लेते हैं. बाबा भक्तों की सेवा सेवादार बनकर करते हैं. अपने प्रवचनों में पाखंड का विरोध करते हैं. मानव सेवा को सबसे बड़ा मानने का संदेश देते हैं.

बाबा किन्हीं अन्य साधु संतों की तरह गेरुआ वस्त्र धारण नहीं करते और न ही किसी भगवान की तस्वीर अपने कार्यक्रमों में लगाते. साकार हरि अपने प्रवचनों में सफेद थ्री पीस सूट-बूट और महंगे चश्मे में दिखते हैं. बाबा के पास लगजरी कारों का काफिला है और खुद की वर्दीधारी फौज भी है. इस लंबी चौड़ी फौज को आश्रम के सेवादार कहा जाता है.

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में हुई भगदड़ की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं. अधिकांश अनुयायियों की मौत दम घुटने के कारण हुई. कुछ लोगों का कहना है कि साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ की कार के पीछे भागते समय भक्त कीचड़ में फिसल गए और नीचे लेटकर चरण रज लेने लगे जिससे भगदड़ मच गई थी.

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