नई दिल्ली
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और बीआरएस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग केस में मनीष सिसोदिया और भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा दी। दोनों को न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश किया गया था। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने का आदेश दिया। इस मामले में आम आदमी पार्टी के चीफ और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी जेल में बंद हैं।
इससे पहले 21 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित शराब नीति घोटाले में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की दूसरी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट करने में भी अपनी भूमिका निभाई। जस्टिस स्वर्णकांता ने कहा कि मनीष सिसोदिया दो मोबाइल फोन पेश नहीं कर पाए। कोर्ट ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि सिसोदिया दिल्ली सरकार में एक अहम पद पर थे और कई विभागों को एकसाथ संभाल रहे थे।
इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाया और कहा कि 2022 में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद 2023 में बुलाया गया और 9 घंटे तक एजेंसी ने पूछताछ की। तब से अब तक कुछ नहीं किया गया। सीएम को सीधे गिरफ्तार कर लिया गया।
अभिषेक मनु सिंघवी ने हाईकोर्ट में कहा कि हम गिरफ्तारी रद्द करके उन्हें हिरासत से छोड़ने की मांग कर रहे हैं। इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि क्या आपने जमानत याचिका दायर की है? इसके जवाब में सिंघवी ने कहा कि अभी ऐसा नहीं किया है, लेकिन ऐसा करेंगे। हाईकोर्ट ने सीबीआई को भी नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने को कहा। इस मामले की आगे सुनवाई 17 जुलाई को होगी। बुधवार को अरविंद केजरीवाल की तरफ से फिर से जमानत याचिका दाखिल की गई।