नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र का समापन आज राज्यसभा में विपक्ष के वॉकआउट के साथ हुआ। दरअसल लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में पीएम मोदी के संबोधन के दौरान विपक्ष ने खूब हंगमा किया। हंगामे और नारेबाजी के बाद विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष के इस वॉकआउट पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ये हमारा अपमान नहीं सदन का अपना है। वह मुझे पीठ दिखाकर नहीं गए बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाकर गए हैं।
मल्लिकार्जुन खरगे ने बताई राज्यसभा से वॉकआउट की वजह
अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज राज्यसभा से वॉकआउट करने की वजह बताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए गलतबयानी की। जिसके विरोध में विपक्ष को सदन से वॉकआउट करना पड़ा। उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि झूठ बोलना और लोगों को भ्रमित करना प्रधानमंत्री मोदी की आदत बन गई है।
‘नेता प्रतिपक्ष को बोलने नहीं दिया गया’
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं सिर्फ इतना कहना चाहता था कि संविधान आपने नहीं बनाया, संविधान के आप लोग विरोधी थे। मैं यह बात सदन में उनके सामने रखना चाहता था। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने सदन में तथ्य रखने का प्रयास किया लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया…पूरे विपक्ष ने वाकआउट किया क्योंकि सदन में झूठ बोला जा रहा था।
विपक्ष के वॉकआउट पर धनखड़ ने क्या कहा?
विपक्ष के वॉकआउट पर सभापति ने कहा कि भारत के संविधान के लिए इससे बड़ी अपमान की बात नहीं हो सकती। जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह उच्च सदन है और इसको देश का मार्गदर्शन करना होता है। धनखड़ ने कहा कि वह विपक्षी सदस्यों के इस आचरण की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस व्यवहार से देश के 140 करोड़ लोग आहत होंगे। उन्होंने कहा कि सदन में कल देर रात तक चर्चा चली और विपक्ष ने जब अपनी बात पूरी कह ली हो तो उसे सत्ता पक्ष की बात सुननी चाहिए।