हाथरस ,
‘अगर मुझे जरूरत हो तो मैं प्रलय ला सकता हूं, मैंने नफरत खत्म करने के लिए अवतार लिया है…’ ये शब्द हैं हाथरस हादसे के बाद से फरार नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के जो वह अपने अनुयायियों से सत्संग में कहता था. इतना ही नहीं बाबा खुद को अवतारी बताते हुए विरोधियों का पतन करने की बात भी करता था. हैरानी की बात यह है कि बाबा के सेवादार/अनुयायी हाथरस भगदड़ के बाद ये दावा कर रहे हैं कि बाबा ने तो पहले ही त्रासदी की भविष्यवाणी कर दी थी. इसके लिए वो बाबा के प्रवचनों की क्लिप दिखा रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
गौरतलब है कि हाथरस में 121 लोगों की जान लेने वाली त्रासदी के बावजूद नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सेवादार सोशल मीडिया पर लोगों को भ्रमित करना जारी रखे हुए हैं. इंस्टाग्राम लाइव में बाबा के सेवादार यह दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि बाबा ने त्रासदी की भविष्यवाणी की थी. बाबा ने माइक से कहा था कि प्रलय आएगा और देखो अंत में वही हुआ.
‘बाबा इंसान नहीं हैं…’
सेवादार आगे कहते हैं कि बाबा इंसान नहीं हैं, बाबा कोई सामान्य प्राणी नहीं हैं, बाबा स्वयं भगवान हैं. एक अन्य सेवादार ने कहा- “मेरे परिवार के सदस्य भी गए थे, लेकिन वे बिना किसी चोट के वापस लौट आए, जो लोग इस त्रासदी में प्रभावित हुए हैं, वे लोग बाबा को नहीं समझते हैं.”
ध्यान देने योग्य बात यह है कि ‘भोले बाबा’ के समर्थकों और सेवादारों ने उसके संदेश को फैलाने के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है. जबकि, बाबा का कोई आधिकारिक अकाउंट नहीं है. अधिकांश पेज बाबा के सेवादारों द्वारा चलाए जाते हैं, जिनमें से कई युवा लोग हैं.
बाबा के ‘प्रवचन’ के कुछ अंश-
सेवादारों के मुताबिक, नारायण साकार हरि अपने सत्संगों में कहते थे कि “अगर मुझे आवश्यकता हो तो मैं प्रलय ला सकता हूं. मैं पूरी शक्ति के साथ आया हूं, चीजों को शुरू से शुरू करूंगा, प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं अधर्म को समाप्त करूंगा.”
बकौल ‘भोले बाबा’- जो लोग मेरे धर्म और मेरे नाम को बेच रहे हैं, मैं उनका पतन सुनिश्चित करूंगा. जो लोग खुद को फर्जी भगवान और फर्जी सद्गुरु घोषित कर चुके हैं, मैं उन्हें डरा दूंगा, मैं उनका पतन सुनिश्चित करूंगा. मैंने हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई के बीच की नफरत को समाप्त करने के लिए अवतार लिया है.”
हाथरस हादसे में 121 की मौत, जांच शुरू
मालूम हो कि बीते मंगलवार को हाथरस के फुलरई गांव में प्रवचनकर्ता नारायण हरि साकार उर्फ ‘भोले बाबा’ के कार्यक्रम में करीब दो लाख अनुयायी आए हुए थे. सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक सत्संग चलता रहा. सुरक्षा और भीड़ को संभालने का जिम्मा बाबा की प्राइवेट आर्मी यानी सेवादारों पर था. वहीं, जब सत्संग खत्म होने के बाद बाबा का काफिला सत्संग स्थल से बाहर जा रहा था, तब हुजूम का हुजूम उनकी गाड़ी के पीछे भागने लगा. इसी दौरान भीड़ का ऐसा सैलाब आया कि लोग एक दूसरे के उपर गिरने लगे और दम तोड़ने लगे. देखते ही देखते लाशें बिछ गईं. अब तक 121 की मौतों की पुष्टि हुई है.
हादसे के बाद सीएम योगी खुद घटनास्थल गए और पूरी जानकारी ली. उन्होंने जांच कमेटी गठित कर दी है, जो जल्द ही रिपोर्ट सबमिट करेगी. आयोजकों और सेवादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है. सरगर्मी से उनकी तलाश जारी है. फिलहाल, बाबा फरार है.