इस्लामाबाद
पाकिस्तान की वायुसेना ने अपने चीनी फाइटर जेट जेएफ-17 थंडर को परमाणु बम से लैस कर दिया है। इस विमान में हत्फ VIII राड मिसाइल लगाई गई है। राड एक हवा से लॉन्च की जाने वाली क्रूज मिसाइल है जिसमें परमाणु बम को फिट किया जा सकता है। अब तक पाकिस्तानी वायुसेना मिराज IIIR का इस्तेमाल करती थी। पाकिस्तानी वायुसेना के पास अमेरिका के बहुचर्चित एफ-16 फाइटर जेट हैं। इसके जरिए परमाणु बम दागा जा सकता है लेकिन अमेरिका ने उसके इस्तेमाल पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तानी मिराज जहां रिटायर हो रहे हैं, वहीं चीन से हाल ही मिला JF-10CE काफी नया है। ऐसे में पाकिस्तान के पास केवल जेएफ-17 ही विकल्प बचता है। आइए समझते हैं कि राड परमाणु मिसाइल से लैस जेएफ-17 भारत के लिए कितना बड़ा खतरा है।
भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल रिटायर अनिल चोपड़ा के मुताबिक जेएफ-17 और राड मिसाइल दोनों को ही पाकिस्तान थंडर नाम से बुलाता है। हत्फ VIII या राड थंडर मिसाइल एक सबसोनिक हवा से दागे जाने वाली क्रूज मिसाइल है जो साल 2012 से ही सेवा में है। यह मिसाइल 4.85 मीटर लंबी और इसका वजन 1,100 किलोग्राम है। इसकी मारक क्षमता 350 से लेकर 550 किमी है। उन्होंने बताया कि इस मिसाइल में 450 किलोग्राम का वारहेड लगाया जा सकता है। यह परंपरागत हो सकता है या परमाणु। इस मिसाइल के विस्फोट से 5 से 12 किलोटन टीएनटी के बराबर तबाही आती है।
पाकिस्तानी राड मिसाइल कितनी ताकतवर
अनिल चोपड़ा के मुताबिक पाकिस्तान इस राड मिसाइल को खुद ही बनाने का दावा करता है लेकिन उसे तकनीक चोरी छिपे चीन से मिली हैं। पाकिस्तानी सेना का दावा है कि यह मिसाइल बहुत तेजी से अपना रास्ता बदलने में माहिर है। इस मिसाइल को साल 2007 से 2016 के बीच में बनाया गया था। इस मिसाइल को कमांड एंड कंट्रोल, रेडॉर, सरफेस टु एयर मिसाइल लांचर, बलिस्टिक मिसाइल लांचर और दुश्मन के नौसैनिक अड्डों पर खड़े युद्धपोत जैसे हाई वैल्यू टारगेट को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। राड मिसाइल का नया संस्करण 600 किमी तक है।
जेएफ 17 फाइटर जेट को चीन और पाकिस्तान ने मिलकर बनाया है। चीन ने इसे मिग 21 से तकनीक कॉपी करके बनाया है। यह विमान साल 2003 में बना था और उसे 2010 में पाकिस्तानी वायुसेना में शामिल किया गया था। जेएफ-17 तेजी से पाकिस्तानी वायुसेना का मुख्य विमान बन रहा है। पाकिस्तान का दावा है कि इस विमान में चीनी AESA रेडॉर लगा है। इसके अलावा रूस का शक्तिशाली RD-93MA इंजन लगा है। जेएफ-17 फाइटर जेट 3700 किलो पेलोड ले जा सकता है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और हवा से जमीन पर हमला करने वाली मिसाइलें तथा बम फिट किए जा सकते हैं।
पाकिस्तानी परमाणु क्षमता कितनी कारगर?
पाकिस्तान के पास अभी 170 परमाणु बम हैं लेकिन कई विशेषज्ञ इसे ज्यादा बताते हैं। पाकिस्तान ने बांग्लादेश युद्ध में हार के बाद परमाणु बम को बनाना शुरू किया था। पाकिस्तान ने लो यील्ड वाले परमाणु बम बनाए हैं जिसे गौरी और शाहीन जैसी बलिस्टिक मिसाइलों में फिट किया जा सकता है। अनिल चोपड़ा का मानना है कि पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान एक कर्ज के जाल में फंस गया है और उसे लगातार बेलआउट पैकेज की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को मुख्यत: सेना चला रही है। खराब आर्थिक हालत के बाद भी पाकिस्तान रक्षा पर जमकर खर्च कर रहा है।
पाकिस्तानी सेना का चीन के साथ करीबी संबंध है और वह भारत के खिलाफ दोतरफा मोर्चा खोलना चाहता है। चीन पर बहुत ज्यादा निर्भरता की वजह से पाकिस्तान में ड्रैगन की पकड़ बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान ने ग्वादर पोर्ट को चीन के हवाले कर दिया है। पाकिस्तान एक ऐसा परमाणु हथियार क्षमता वाला देश बन गया है जो जमीन, हवा और पानी से एटमी हमला करने की ताकत रखता है। राड मिसाइल परमाणु और परंपरागत दोनों ही तरह का हमला कर सकती है। पाकिस्तान जेएफ-17 विमानों का एक अलग बेड़ा तैयार कर सकता है। बाद में पाकिस्तान चीन से मिले जे-10 सीई को भी परमाणु हमले के लिए तैयार कर सकता है। जेएफ 17 के बारे में विशेषज्ञों की राय अलग है। म्यांमार में यह फाइटर जेट फेल हो गया था।