नई दिल्ली
बाबाओं की अकूत संपत्ति फिर चर्चा में है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की संपत्ति ने लोगों को हैरानी में डाल दिया है। नारायण साकार हरि 100 करोड़ रुपये से अधिक की दौलत के मालिक हैं। बाबाओं और उनकी बेशुमार दौलत का कनेक्शन किसी से छिपा नहीं है। इसकी फेहरिस्त बहुत लंबी है। हालांकि, रईस बाबाओं का जब कभी नाम लिया जाता है तो दिमाग में रामदेव और सद्गुरु जग्गी वासुदेव का नाम सबसे ऊपर आता है। यह और बात है कि ऐसे और भी आध्यात्मिक गुरु और बाबा हैं जो अकूत संपत्ति के मालिक हैं। इनके आगे बड़े-बड़े उद्योगपति भी फेल हैं।
योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने पतंजलि आयुर्वेद साम्राज्य के जरिये भारत की वेलनेस इंडस्ट्री में बदलाव की अगुआई की है। हरियाणा में खेती-किसानी की पृष्ठभूमि से आने वाले रामदेव ने लंबे समय तक हरिद्वार में योग सिखाया। वह अब पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के साथ कई शाखाओं के प्रमुख हैं। उनकी कुल संपत्ति 1,600 करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है।
वहीं, ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव की अनुमानित संपत्ति 18 करोड़ रुपये है। सद्गुरु का प्रभाव उनके साम्राज्य के भीतर योग केंद्रों, शैक्षणिक संस्थानों और इकोलॉजिकल प्रोजेक्टों तक फैला हुआ है। बोलने की अपनी खास शैली से वह दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करते हैं।
ये बाबा भी बेशुमार दौलत के मालिक
गुरमीत राम रहीम सिंह इंसान भारत के सबसे अमीर आध्यात्मिक गुरुओं में से एक रहे हैं। उन्हें बड़ी संख्या में हरिजनों और दलितों का समर्थन प्राप्त है। उनकी अनुमानित कुल संपत्ति 1,455 करोड़ रुपये है। 1990 से वह अपने संगठन का नेतृत्व करते रहे हैं।
1981 में आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर के पास 151 देशों में लगभग 30 करोड़ फॉलोवर हैं। इनमें बड़ी संख्या में फाउंडेशन को दान देते हैं। आर्ट ऑफ लिविंग केंद्रों, स्वास्थ्य सुविधाओं और फार्मेसियों सहित रविशंकर की संपत्तियों का मूल्य लगभग 1,000 करोड़ रुपये है।
इसी तरह 27 सितंबर, 1953 को जन्मी हिंदू गुरु माता अमृतानंदमयी अमृतानंदमयी ट्रस्ट का नेतृत्व करती हैं। इस ट्रस्ट के पास लगभग 1,500 करोड़ रुपये की संपत्ति है। अमृतानंदमयी को अम्मा के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, इन सभी में स्वामी नित्यानंद सबसे ऊपर दिखते हैं। वह नित्यानंद ध्यानपीठम फाउंडेशन के संस्थापक हैं। यह विश्व स्तर पर मंदिर, गुरुकुल और आश्रम संचालित करता है। नित्यानंद की कुल संपत्ति लगभग 10,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।