नई दिल्ली,
टी-20 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के भव्य स्वागात के लिए लोगों का हुजूम समंदर किनारे मरीन ड्राइव पर उमड़ पड़ा था. लोगों ने अपने हीरोज का स्वागत को दिल खोलकर किया, लेकिन इस स्वागत की इस भव्यता का एक स्याह चेहरा भी है, जो कि समंदर के किनारे फैलाए गए कचरे के रूप में है. इस भीड़ ने पानी की बोतलें और जूते-चप्पल सहित ऐसा बहुत सा कचरा समुद्र के किनारे ही छोड़ दिया था, जिसे स्थानीय प्रशासन के निकाय ने सात गाड़ियों में इकट्ठा किया.
रात भर चला सफाई अभियान
बीएमसी ने शुक्रवार को कहा कि विजय परेड के बाद गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात भर सफाई अभियान चलता रहा. गुरुवार शाम भारतीय क्रिकेट टीम की विजय परेड देखने के लिए हजारों प्रशंसक दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव पर उमड़ पड़े थे. ओपेन बस में परेड शाम 7.30 बजे के बाद नरीमन पॉइंट में नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) से शुरू हुई और वानखेड़े स्टेडियम तक गई.
सड़क पर बिखरी मिली बोतलें और चप्पलें
हालांकि इन दोनों बिंदुओं के बीच की दूरी तय करने में आमतौर पर पांच मिनट लगते हैं, लेकिन बड़ी भीड़ के कारण परेड को ऐसा करने में डेढ़ घंटे से अधिक का समय लग गया. यह विशाल जनसमूह अपने पीछे कूड़े के ढेर भी छोड़ गया क्योंकि जहां से विजय परेड गुजरी वहां सड़क पर जूते और पानी की बोतलें बिखरी पड़ी थीं.
रीसाइक्लिंग प्लांट में भेजेंगे कचरा
बीएमसी ने कहा कि सफाई अभियान के दौरान बड़ी संख्या में खाद्य पदार्थों और पानी की बोतलों के रैपर के साथ-साथ अन्य चीजों के अलावा भारी मात्रा में जूते और चप्पल भी उठाए गए हैं. कुल कूड़े में से जूते और चप्पलें पांच जीपों में एकत्र किए गए थे, साथ ही मौके से कूड़ा उठाने के लिए दो डंपरों का भी इस्तेमाल किया गया था. नगर निकाय ने कहा कि इस कबाड़ को डंपिंग ग्राउंड में भेजने के बजाय, इन सभी वस्तुओं को रीसाइक्लिंग प्लांट में भेजा जाएगा.
NGO ने भी की सफाई में मदद
सफाई अभियान गुरुवार रात 11.30 बजे शुरू हुआ और शुक्रवार सुबह 8 बजे समाप्त हुआ. इसमें कहा गया है कि नागरिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग के एक सौ कर्मचारियों और कुछ गैर सरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इसमें भाग लिया. यह ऑपरेशन इसलिए भी जरूरी थी कि मरीन ड्राइव को फिर से लोगों के लिए जल्द से जल्द साफ कर दिया जाए, जहां लोग हर सुबह बड़ी संख्या में सुबह की सैर और व्यायाम करते हैं.
11 लोगों को लगी चोट और आए चक्कर
विजय परेड के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस ने बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया और मरीन ड्राइव और वानखेड़े स्टेडियम के बीच व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की. विजय परेड के मार्ग पर भारी भीड़ के कारण कम से कम 11 लोगों को मामूली चोट लगने या चक्कर आने के कारण अस्पतालों में ले जाया गया.