जैसे-जैसे नीट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख 8 जुलाई नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे लाखों दिलों की धड़कनें भी बढ़ रही हैं। क्योंकि NEET Hearing Supreme Court Date के साथ-साथ वो वक्त भी करीब आ रहा है जब ये फैसला होगा कि नीट परीक्षा 2024 रद्द होगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट का नीट 2024 पर फैसला क्या होगा? इस घबराहट का ही नतीजा है कि नीट कैंसिल करने की मांग वाली ढेरों याचिकाओं के बीच अब NEET Cancel न करने की याचिका भी सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गई है।
NEET 2024 Cancel की मांग वाली 26 याचिकाएं
नीट यूजी में सफल हुए गुजरात के 50 से ज्यादा परीक्षार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें मांग की है कि SC केंद्र और एनटीए को 5 मई को हुए नीट एग्जाम कैंसिल न करने का निर्देश दे। यह याचिका ऐसे समय में दायर की गई है, जब कुछ ही दिन में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच 26 नीट याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है। इन याचिकाओं में नीट एग्जाम दोबारा कराने (Re NEET) और पहले हुई परीक्षा की जांच की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत को केंद्र सरकार और एनटीए को नीट-यूजी दोबारा आयोजित नहीं करने का निर्देश देना चाहिए। क्योंकि यह न केवल ईमानदार और मेहनती छात्रों के लिए नुकसानदायक होगा, बल्कि शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन (RTE Violation) भी होगा। संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन होगा।
PM Modi ने NEET पर क्या कहा?
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीट मसले पर कहा कि ‘हम चाहते थे कि इस मसले पर दलीय राजनीति से उठकर सदन में छात्रों के हितों की बात उठाई जाती, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।’ छात्रों को भरोसा देते हुए पीएम ने कहा कि ‘सरकार इन्हें धोखा देने वालों को छोड़ेगी नहीं। इस मसले पर कार्रवाई की जा रही है। नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त सजा मिले, इसके लिए ऐक्शन हो रहा है।’
नीट का मामला क्या है?
NTA सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट यूजी परीक्षा का आयोजन करती है। इस साल 5 मई को 4,750 केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 24 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। नीट यूजी पेपर लीक समेत कई अन्य अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया। पिछली परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और उच्चस्तरीय जांच की मांग संबंधी याचिकाओं पर आठ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।