इस्लामाबाद:
इस साल अक्टूबर में पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक होने जा रही है। पाक की शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा है कि मेजबान होने के नाते भारत समेत एससीओ के सभी सदस्यों को न्योता भेजा जाएगा। साफ है कि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को भी पाकिस्तान सरकार से एससीओ मीटिंग के लिए निमंत्रण मिलेगा। ऐसे में सवाल पूछा जा रहा है कि क्या नरेंद्र मोदी एससीओ समिट के लिए इस्लामाबाद जाएंगे। अभी तक पाकिस्तान की ओर से आए बयान पर भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं अगर पाक के राजनीतिक टिप्पणीकार कमर चीमा की मानें तो न्योता मिलने के बावजूद नरेंद्र मोदी पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेंगे।
कमर चीमा ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर एक वीडियो में कहा कि पाकिस्तान के बुलाने के बावजूद नरेंद्र मोदी पाकिस्तान नहीं आएंगे। चीमा ने अपने इस दावे को पुख्ता करने के लिए सात वजह बताई हैं। कमर चीमा ने पहली वजह बताते हुए कहा कि हाल ही में कजाकिस्तान में हुई एससीओ बैठक में भारत की ओर से नरेंद्र मोदी की जगह विदेश मंत्री जयशंकर गए। ये दिखाता है कि भारत इस ग्रुप की अहमियत को कम कर रहा है। खासतौर से वह चीन-रूस के साथ दिखकर अमेरिका को नाराज नहीं करना चाहता। ऐसे में इसका कोई चांस नहीं है कि नरेंद्र मोदी, जो भारतीय इतिहास के सबसे ज्यादा प्रो-अमेरिका पीएम हैं, वो पाकिस्तान आएंगे।
पाकिस्तान आकर घिर सकते हैं मोदी: चीमा
चीमा ने कहा कि दूसरी वजह ये है कि मोदी अगर पाकिस्तान आते हैं तो उनकी सरकार से अगले साढ़े चार साल तक इस पर सवाल होते रहेंगे और इससे फायदा पूछा जाता रहेगा। मोदी पाकिस्तान आएंगे तो उनकी शहबाज शरीफ से भी मुलाकात होगी। ऐसे में मोदी को अपने देश में मीडिया और विपक्ष के सामने कई तरह की बातें साफ करनी होंगी। इसमें वह सहज नहीं होंगे और बचना चाहेंगे। तीसरी वजह ये है कि मोदी समझते हैं कि पाकिस्तान के साथ उनको अगर चीजों को हल करना है तो नीचे के स्तर पर कनरा होगा ना कि इस तरह के बड़े समिट में हिस्सा लिया जाए। पाकिस्तान से वह मसले सुलझाने के लिए अफसरों के स्तर पर ही पहल करेंगे।
कमर चीमा ने चौथी वजह दोनों देशों के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति को कहा है। उन्होंने कहा कि कजाकिस्तान की एससीओ समिट में भारत के विदेश मंत्री ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को निशाने पर लिया है। आतंकवाद के मसले पर उन्होंने कहा कि सरहद पार आतंकियों को पाला जाता है। तीन महीने बाद चीजें इतनी तो नहीं बदल जाएंगी कि भारत अपना ये रुख इतना बदल दे कि उसके पीएम पाकिस्तान आ जाएं।
‘बीजेपी की राजनीति का स्टाइल भी वजह’
कमर चीमा ने भारत की अंदरुनी राजनीति को भी नरेंद्र मोदी के पाक दौरे से बचने की वजह बताया है। चीमा ने कहा कि नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के अमित शाह और जयशंकर जैसे सीनियर नेता लगातार पाक विरोधी बयान दजेते रहे हैं। मीडिया में वो कहते हैं कि पाकिस्तान से कश्मीर छीन लेंगे और घुसकर मारेंगे। इस तरह के बयान एक खास तबके को खुश करने के लिए होते हैं। ये माहौल बीजेपी ने बीते कुछ साल में बनाया है। किसी भी सूरत में नरेंद्र मोदी पाकिस्तान आकर इस माहौल को खराब नहीं करना चाहेंगे।
छठी वजह ये भी है कि एससीओ में कोई ऐसा मुल्क नहीं है, जिससे पाकिस्तान की बहुत अच्छी दोस्ती हो। पाकिस्तान किसी देश को ये नहीं कह सकता कि आप मोदी को मनाकर ले आएं। फिर पाकिस्तान में सिर्फ शरीफ ही नहीं चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग भी होंगे। चीन और पाकिस्तान के नेताओं के साथ मंच साझा करना मोदी को यकीनन परेशान करेगा। पाकिस्तान और चीन को इंडिया में दुश्मन कहा जाता रहा है तो जाहिर है ये नरेंद्र मोदी के लिए मुश्किल होगा, वो इससे बचना चाहेंगे।
‘पाकिस्तान को अहमियत क्यों देगा भारत’
कमर चीमा ने सातवीं वजह बताते हुए कहा कि भारत की कोशिश बीते कुछ वर्षों में लगातार ये रही है कि पाकिस्तान को कैसे दुनिया में आइसोलेट किया जाए। आपकी सरकार जिस देश को अलग-थलग करने पर काम कर रही हो, उसी देश की मेजबानी वाले एक बड़े कार्यक्रम में जाकर आप क्यों चीजों को सामान्य करेंगे और उस मुल्क की अहमियत बढ़ाएंगे। इससे तो पाकिस्तान को आइसोलेट करने में की गई पूरी मेहनत ही खराब हो जाएगी।