ग्वालियर:
बीएसएफ के टेकनपुर कैंप में पदस्थ दो लेडी कॉन्स्टेबल अचानक से लापता हो गई हैं। साथ ही दोनों ने अपना फोन कैंप में ही छोड़ दिया और उसका डेटा डिलीट कर दिया है। आखिरी बार लापता जवानों को दिल्ली रेलवे स्टेशन पर देखा गया है। लेडी कॉन्स्टेबल आकांक्षा की मां ने ग्वालियर में एफआईआर दर्ज करवाई है। मां का आरोप है कि उनकी बेटी का अपहरण शहाना खातून ने किया है। दोनों का लापता होने के बाद कोई सुराग नहीं मिला है। बीएसएफ की तरफ बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही इंटीलिजेंस को भी अलर्ट कर दिया गया है।
बॉर्डर पर है लास्ट लोकेशन
दरअसल, मध्य प्रदेश के ग्वालियर से लापता दोनों कॉन्स्टेबल की तलाश तेज हैं। आखिरी बार दोनों का लोकेशन पश्चिम बंगाल बॉर्डर पर मिला है। इनकी तलाश बांग्लादेश बॉर्डर पर भी की जा रही है। साथ ही ग्वालियर एसआईटी की टीम भी नजर रख रही है। दोनों को गायब हुए छह महीने बीत गए हैं। छह जून को आखिर बार दिल्ली में देखा गया था।
BSF के कंप्यूटर सेक्शन में थी तैनात
लापता कॉन्स्टेबल आकांक्षा और शहाना खातून पूरी तरह से ट्रेंड हैं। साथ ही दोनों हर कौशल में माहिर हैं। टेकनपुर स्थित अकादमी में दोनों कंप्यूटर सेक्शन में तैनात थीं। इन दोनों को बीएसएफ के बारे में सारी चीजें पता हैं। अभी तक की जानकारी के अनुसार दोनों कैंप से निकलकर मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल के बॉर्डर तक पहुंची। ऐसे में बीएसएफ को संभावना है कि दोनों बॉर्डर पार कर सकती हैं। वहीं, ग्वालियर एसपी ने जांच के लिए एसआईटी बना दी है।
मोबाइल के डाटा दोनों ने डिलीट किए
वहीं, शहाना और आकांक्षा पूरी प्लानिंग के साथ बीएसएफ कैंप से निकले हैं। दोनों ने भागते वक्त मोबाइल का डाटा डिलीट कर दिया। ऐसे में पुलिस अफसरों को अनुमान है कि प्लानिंग के साथ दोनों यहां से निकले हैं। उन्हें पता था कि मोबाइल लेकर जाएंगे तो उन्हें ट्रैक की जाएगी। उसने रास्ते में अन्य लोगों से फोन लेकर बात की है।
अप्रैल में साथ गई थी छुट्टी
वहीं, दोनों के लापता होने के बाद बीएसएफ कैंप में कई कहानियां घूम रही हैं। जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि अप्रैल के महीने में दोनों साथ छुट्टी गई थी। शहाना पहले आकांक्षा के साथ जबलपुर स्थित उसके घर गई थी। चार दिन तक रहने के बाद दोनों पश्चिम बंगाल में जाकर 15 दिन गुजारे थे। इसके बाद कैंप लौटे थे। फिर दोनों छह जून को लापता हो गए।
पश्चिम बंगाल पहुंच गए हैं दोनों
शहाना और आकांक्षा छह जून को लापता हुए थे। दोनों ने सबसे पहले एटीएम से पैसे निकाले थे। इसके बाद ट्रेन से दिल्ली पहुंच गईं। दिल्ली रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे में दोनों दिख रही हैं। फिर हावड़ा में दोनों का लोकेशन मिला है। सात जून को मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर स्टेशन पर लोकेशन मिला था। ऑटो ड्राइवर के फोन से दोनों ने घर पर फोन किया था। इसके बाद बीकन अस्पताल पहुंची। वहां दोनों दिख रही हैं और आधी रात को इको वैन में बैठकर वहां से लापता हो गईं।
बदल गया था व्यवहार
वहीं, शहाना खातून के संपर्क में आने के बाद आकांक्षा का व्यवहार बदल गया था। वह अपनी मां से अनमने तरीके से बात करने लगी थी। पांच जून को उसने मां से आखिरी बार बात की थी। अब मां आकांक्षा को लेकर ग्वालियर के बिलौआ थाने में अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई है।