चरखी दादरी
अग्निपथ योजना आने के बाद से हरियाणा और पंजाब जैसे सेना बहाली के लिए मशहूर राज्यों में भारतीय सेना में जाने को लेकर युवाओं के बीच आकर्षण अब कम हो गया है। वहीं पश्चिमी हरियाणा के कुछ जिले जैसे जींद, हिसार और भिवानी में युवा चार साल की सैन्य सेवा के बजाय विदेश जाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। फौजियों के क्षेत्र से जाना जा रहा चरखी दादरी जिला से बड़ी संख्या में लोग सेना में जाते रहे हैं, मगर बीते दो वर्षों में तस्वीर बिल्कुल बदल गई है। अग्निवीर भर्ती के चलते अब यहां पर सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है। युवाओं की अग्निवीर को लेकर टीस सामने आई और उन्होंने सरकार से भर्ती नियमों में बदलाव की मांग उठाई है।
रिटायरमेंट की चिंता करनी पड़ेगी
बता दें कि संसद में राहुल गांधी द्वारा अग्निवीर भर्ती योजना को लेकर मुद्दा उठाया तो फिर से अग्निवीर भर्ती में बदलाव को लेकर मांग उठने लगी है। चरखी दादरी में सेना भर्ती के लिए तैयारियां कर रहे युवाओं की टिस भी सामने आई। ग्राऊंड में अग्निवीर भर्ती की तैयारियां जरूर कर रहे युवाओं का कहना है कि वे तैयारियां जरूर कर रहे हैं, शायद भर्ती नियमों में बदलाव हो। युवा राहुल कुमार व सुमित का कहना है कि उनको अपने भविष्य को लेकर चिंता है कि नौकरी के चार साल खत्म होने के बाद घर कैसे चलेगा। हमें जब आर्थिक सुरक्षा ही नहीं मिलेगी तो क्या फायदा? अगर नौकरी के पहले रिटायरमेंट की चिंता करनी पड़ेगी तो देश की सेवा कैसे दे सकेंगे।
अग्निवीर भर्ती से उनका सपना टूट गया
वहीं लड़कियों ने भी सच्चाई बताई और कहा कि सेना में जाने की इच्छा थी मगर अग्निवीर भर्ती से उनका सपना टूट गया है। अनिता का कहना है कि संसद में नेता लड़ रहे, युवाओं की कोई चिंता नहीं है। राहुल गांधी ने संसद में मुद्दा उठाया है तो अग्निवीर भर्ती का दायरा बढने की आशंका दिखाई दे रही है। युवाओं की सरकार से गुहार लगाई कि अग्निवीर भर्ती को सेना भर्ती के तर्ज पर सुविधाएं मिलें। वहीं कोच राजेश तक्षक का कहना है कि अग्निवीर भर्ती शुरू होने के बाद से युवाओं का जोश कम हो गया है।