नई दिल्ली,
गाजा में हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग के 9 महीने पूरे हो गए हैं. इस दौरान करीब 38 हजार 153 लोगों की मौत हो चुकी हैं. 87 हजार 828 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. इतना ही नहीं 23 लाख लोग बेघर हो गए हैं. इजरायली सेना जिस आक्रामकता के साथ भीषण युद्ध कर रही है, उसे देखकर नहीं लगता कि जंग इतनी जल्दी समाप्त होने वाली है. हालांकि, अमेरिका की पहल पर सीजफायर की बात चल रही है.
इसी बीच इजरायली डिफेंस फोर्सेस ने दावा किया है कि हमास के लड़ाके आम लोगों के बीच छिपे हुए हैं. सोमवार को शेजैया इलाके में एक स्कूल और क्लिनिक में तलाशी के दौरान भारी संख्या हथियारों का जखिरा मिला है. आईडीएफ ने यहां से मोर्टार, मशीन गन, ग्रेनेड और खुफिया दस्तावेजों सहित दर्जनों हथियारों को बरामद किया है. इन्हें यूनाइटेड नेशन रिलीफ एंड वर्क एजेंसी के कार्यकर्ताओं की वर्दी के साथ छिपाकर रखा गया था.
सोमवार को हुए इजरायली हवाई हमलों में करीब 40 लोग मारे गए हैं. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एक दिन में इजरायली हमलों में कम से कम 40 लोग मारे गए हैं. इजरायली सेना द्वारा गाजा के कई शहरों को खाली करने के आदेश के बाद भगदड़ की स्थिति बनी हुई है. लोगों का विस्थापन फिर से शुरु हो गया है. बार-बार विस्थापन से लोग थक गए हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं. लोग बुरी तरह डरे और सहमे नजर आ रहे हैं.
गाज़ा से फिलिस्तीनी पलायन को मजबूर हैं. अपना घर-बार फिर से छोड़कर इन्हें जाना पड़ रहा है. इनमें बच्चे-बुज़ुर्ग महिलाएं सभी शामिल हैं. रविवार को इज़रायली सेना के नए आदेश के बाद इनकी मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं. इज़रायली सेना के प्रवक्ता ने रविवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर गाजा शहर के कई ब्लॉकों को खाली कर दूसरी जगहों पर जाने को कह दिया है. एक विस्थापित महिला ने कहा कि हम कब तक ऐसे भागते रहेंगे.
गाजा में पिछले 24 घंटे में मारे गए 55 फिलिस्तनी
पिछले 24 घंटे में 55 फिलिस्तनी इजरायली सेना के हमले में मारे जा चुके हैं, जबकि 123 लोग घायल हुए हैं. हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम के लिए नए सिरे से कोशिश की जा रही है. गाजा के लोगो को भी युद्धविराम का बेहद इंतज़ार है. लेकिन हमास ने मध्यस्थों से गारंटी की मांग की है कि इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार स्थायी संघर्ष विराम पर बातचीत जारी रखेगी. लेकिन नेतन्याहू अपनी ज़िद्द पर अड़े हैं.
गाजा में इजरायली सेना ने स्कूल पर किया हमला
पिछले हफ्ते गाजा के अल नुसीरत में इजरायली सेना ने एक स्कूल को निशाना बनाते हुए जबरदस्त हवाई हमला किया था. इस हमले में करीब 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे. इजरायल की दलील थी कि उन्होंने आतंकवादियों को निशाना बनाया है. जबकि उस स्कूल में ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे शरण लिए हुए थे. स्कूल पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया. यहां तक कि वहां मौजूद गाड़ियों के पखच्चे उड़ गए.
इजरायली हमले के खिलाफ दुनियाभर में प्रदर्शन
गाजा में इजरायली सेना के हमले के खिलाफ दुनियाभर में विरोध हो रहा है. जॉर्डन की राजधानी अम्मान और ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भी प्रदर्शन हुआ. वहां इज़रायल के खिलाफ हजारों लोगो ने प्रदर्शन किया, जिसमें लेबर पार्टी के पूर्व नेता भी शामिल हुए. जॉर्डन की राजधानी अम्मान में भी हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया. अपनी सरकार से इजरायल के साथ वादी अरबा समझौते को रद्द करने की मांग करते हुए सामान ले जाने वाली लाइन बंद करने की मांग की है.
तेल अवीव में पुलिस और पब्लिक में भिड़ंत
इजरायल के तेल अवीव में भी बंधकों की रिहाई के लिए लोग इकट्ठा हुए और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. लोग अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे थे. सड़क पर आगजनी कर अपना आक्रोश ज़ाहिर कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और पुरज़ोर तरीके से उन पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. इस तरह के विरोध प्रदर्शन इजरायल के कई शहरों में लगातार हो रहे हैं.