मेरठ/हाथरस
उत्तर प्रदेश के हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में दो जुलाई को भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि के सत्संग के दौरान भगदड़ हो गई थी। इस हादसे में 123 श्रद्धालुओं की मौत के मामले में हर दिन नई जानकारी सामने रही है। अब दो खास बात सामने आई है। आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते समय पुलिस ने जल्दबाजी दिखाई। पुलिस ने पंजाब में बीएसएफ के जवान (फौजी) को भी आयोजक बताकर नामजद कर दिया, जबकि न तो वह सत्संग में शामिल हुआ और न ही सत्संग वाले दिन हाथरस में था। वह पंजाब में ड्यूटी कर रहा था। इसी के साथ एक जानकारी मिल रही है कि बाबा का बाल विवाह हुआ था? भोले बाबा के नाम से मशहूर सूरजपाल शादी के वक्त कक्षा छह में पढ़ता था और दूल्हा बना था। पत्नी भी दुल्हन बनते वक्त कक्षा पांच की स्टूडेंट बताई गई है।
दरअसल, दो जुलाई को हाथरस के सत्संग समाप्त होने के बाद मची भगदड़ में पुलिस ने 22 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। अब तक 11 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जांच में पुलिस को एक पोस्टर मिला है, जिसमें 78 आयोजनकर्ताओं के नाम और मोबाइल नंबर दर्ज हैं। सत्संग के मुख्य आयोजनकर्ता देव प्रकाश मधुकर था। उसे गिरफ्तार किया जा चुका है। आयोजनकर्ताओं की सूची में 40वें नंबर पर मोहित कुमार का नाम है। वह फौजी है। बीएसएफ में जवान है। पंजाब में तैनात है। मीडिया के लोगों के संपर्क करने पर फौजी मोहित ने जानकारी दी कि सिकंदराराऊ सत्संग के लिए मुझसे भी आर्थिक मदद मांगी गई थी। मैंने 15 हजार रुपये दिए थे, क्योंकि मेरे मम्मी-पापा सत्संग में जाते थे, लेकिन वे सिकंदराराऊ के सत्संग में नहीं गए थे। 21 जून को छुट्टी खत्म होने के बाद वह भी ड्यूटी पर पंजाब चला गया था। उसका कहना है कि मेरा परिवार बाबा से जुड़ा रहा है। मोहित का कहना है कि पुलिस से मुझसे संपर्क किया था, मैंने सब सच बता दिया। मेरी बटालियन में आकर जांच की जा सकती है।
…तो सूरजपाल का हुआ था बाल विवाह ?
एटा जिले के जैथरा क्षेत्र के गुहटिया गांव में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ साकार हरि की ससुराल है। जानकारी मिली है कि जैथरा क्षेत्र के गुहटिया गांव निवासी हरपाल सिंह की दो पुत्री और एक पुत्र है। एक पुत्री प्रेमवती से सूरजपाल की शादी 1968 में हुई थी। बताया गया शादी के समय सूरजपाल कक्षा छह और प्रेमवती कक्षा पांच में पढ़ती थी यानी दोनों नाबालिग थे। शादी के बाद सूरजपाल ने पढ़ाई जारी रखी। प्रेमवती ने पढ़ाई छोड़ दी और गृहस्थी संभाल ली। प्रेमवती के भाई मेवाराम ने मीडिया को बताया कि शादी के बाद सूरजपाल का ससुराल में आना-जाना था। पढ़ाई के बाद उनकी नौकरी पुलिस में लग गई। फिर नौकरी छोड़ सत्संग करने लगे। साल 2000 में बाबा की पत्नी प्रेमवती की मां कलावती का निधन हो गया। उनके तेरहवीं संस्कार में भोले बाबा का सत्संग रखा गया था। तब बाबा आखिरी बार अपनी पत्नी के साथ ससुराल आए थे। बताते हैं कि सूरजपाल और प्रेमवती के कोई संतान नहीं है, जिस कारण मेवाराम की पुत्री को सूरजपाल और प्रेमवती ने गोद ले लिया था। उस पुत्री की मौत हो गई थी। आगरा में उसे जिंदा करने के प्रयास में काफी बवाल हुआ था और सूरजपाल सहित उनके सात अनुयायियों पर एफआईआर लिखी गई थी।