नई दिल्ली,
क्या शराब घोटाले की वजह से अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की मान्यता ही खत्म हो सकती है? अक्टूबर 2022 में भी दिल्ली शराब नीति को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा था कि क्या पूरी आम आदमी पार्टी इस मामले में दोषी है. अगर ऐसा है तो आपने अब तक AAP को आरोपी क्यों नहीं बनाया है. इस पर ED की ओर से कहा गया था कि आगे जल्द ही हम AAP को आरोपी बनाने की सोच रहे हैं.
रद्द हो सकती है AAP की मान्यता?
क्या अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी के लिए सबसे कठिन वक्त आ चुका है? जो शराब घोटाले में अब तक ये पूछते रहे कि घोटाला हुआ तो पैसा कहां है? घोटाला हुआ तो पैसा कहां गया? उन्हें अब ईडी की तरफ से दायर अगली चार्जशीट से झटका लग सकता है. क्योंकि अब सवाल है कि क्या आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द हो सकती है? सवाल की वजह है ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आरोपी नंबर-37 के तौर पर अरविंद केजरीवाल का अगर नाम है तो चार्जशीट में आरोपी नंबर-38 के तौर पर पहली बार किसी पार्टी का नाम दर्ज हुआ है. ये पार्टी है अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी.
ईडी ने AAP को आरोपी बनाते हुए क्या कहा?
12 साल पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से जन्मी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी अब देश की पहली पार्टी हो चुकी है, जिसका नाम चार्जशीट में है. जिसे आरोपी बनाया गया है. यानी अब अरविंद केजरीवाल अगर शराब घोटाले में दोषी साबित हुए तो सजा उनकी पार्टी को भी मिलेगी. अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा? इससे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर ईडी ने चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को आरोपी क्यों बनाया है और केजरीवाल की पार्टी को चार्जशीट में आरोपी बनाते हुए क्या कहा गया है.
ईडी के मुताबिक शराब घोटाले से 100 करोड़ का फायदा लिया गया. ईडी के मुताबिक उसमें से 45 करोड़ रुपए का इस्तेमाल गोवा के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए किया गया. यानी अपराध से जो कमाई हुई उसका फायदा लिया गया. ईडी की चार्जशीट कहती है कि फायदा पार्टी ने लिया और पार्टी के हर फैसले के लिए संयोजक अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार हैं. इसलिए ईडी की चार्जशीट में आरोपी आम आदमी पार्टी भी है और केजरीवाल भी.
ईडी के पास क्या सबूत?
आम आदमी पार्टी हमेशा ये पूछती है कि आखिर पैसों की ट्रेल क्या है. अबकी बार चार्जशीट में ईडी ने यह भी बताया है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाते हुए- एक रुपए और सौ रुपए की उन तस्वीरों को दिखाया है, जिसमें दावा किया गया कि गोवा तक 45 करोड़ रुपए हवाला के जरिए भेजे गए. ईडी का दावा है कि आरोपी विनोद चौहान के मोबाइल से हवाला नोट नंबर के काफी स्क्रीनशॉट बरामद हुए हैं.
ईडी के पास हवाला मनी ट्रांसफर से जुड़े विनोद चौहान और अभिषेक पिल्लई के बीच की व्हाट्सएप चैट भी मौजूद है. साथ ही ईडी कहती है कि उसके पास आरोपी विनोद चौहान और अरविंद केजरीवाल के बीच सीधे संबंध की चैट भी मौजूद है. इन सबके आधार पर ही अब अरविंद केजरीवाल के साथ उनकी पार्टी भी आरोपी बनी है. जिसे 12 जुलाई को पेश होने के लिए कहा गया है.
ईडी की इसी चार्जशीट के दम पर अब आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाकर शराब घोटाले में आगे की सुनवाई होनी है. जहां अब पहली बार उस पूरे मनी ट्रेल को लेकर ईडी पहुंची है, जिसके बारे में केजरीवाल और पूरी पार्टी सवाल उठाती रही है. लेकिन क्या ईडी इन सबूतों को साबित कर पाएगी?
क्या कहती है ईडी की चार्जशीट?
चार्जशीट में ईडी ने दावा किया है कि आरोपी नंबर 37 यानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार या तो जवाब देने से बचते रहे या झूठी दलील देते रहे. जब ईडी ने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि आरोपी विजय नायर उन्हें रिपोर्ट करता था तो केजरीवाल ने कहा नहीं, वो तो आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था. केजरीवाल ये तक कह गए कि उनका तो विजय नायर से सीमित संबंध था.
ईडी की चार्जशीट कहती है कि जब पूछा गया कि विजय नायर तो सीएम कैंप ऑफिस से कैसे काम करता था, तो केजरीवाल ने इस पर इनकार कर दिया और कहा- नहीं पता. ईडी के मुताबिक जब केजरीवाल से ईडी के अधिकारियों ने कहा कि विजय नायर कोई छोटा-मोटा कार्यकर्ता तो था नहीं, बल्कि वो तो आप की मीडिया सेल का प्रमुख था. ईडी के अधिकारियों ने जब केजरीवाल और विजय नायर के बीच बातचीत के डिजिटल सबूत दिखाए तो दावा है कि केजरीवाल ने जवाब नहीं दिया.
केजरीवाल ने नहीं दिया मोबाइल का पासवर्ड
यहां तक कि ईडी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने अपने मोबाइल का पासवर्ड तक नहीं बताया. ईडी की चार्जशीट कहती है कि जब अरविंद केजरीवाल को गोवा में हवाला के जरिए भेजे गए 45 करोड़ रुपए के डिजिटल सबूत दिखाए और वहां कैंपेन टीम के साथ काम करते चनप्रीत सिंह को मिले 45 करोड़ पर सवाल हुआ तो अरविंद केजरीवाल ने जानकारी देने से सीधे इनकार कर दिया. चार्जशीट के मुताबिक जब ईडी ने अरविंद केजरीवाल से ये पूछा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नारायण दास गुप्ता ने कहा है कि गोवा चुनाव के लिए दुर्गेश पाठक को उन्होंने खुद पार्टी का प्रभारी चुना था. तो ईडी के मुताबिक केजरीवाल ने कहा कि नारायण दास गुप्ता कन्फ्यूज हैं, गलत बोल रहे हैं.
AAP ने ईडी पर लगाया आरोप
ईडी की चार्जशीट कहती है कि जब अरविंद केजरीवाल से पूछा गया कि विजय नायर क्या गोवा इलेक्शन कैंपेन के लिए चैरियट प्रोडक्शंस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को निर्देश देते थे, तो जवाब में केजरीवाल ने कहा ये काम दुर्गेश पाठक का था जो राज्य के प्रभारी थे. ईडी की चार्जशीट के इन्हीं बयानों के आधार पर सवाल उठा कि क्या अरविंद केजरीवाल खुद को बचा रहे हैं और अपनी पार्टी के दूसरे नेताओं या करीबियों पर सवाल उठा रहे हैं या फिर उन्हें कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. तब आम आदमी पार्टी का दावा है कि ये जांच एजेंसी की साजिश है. आम आदमी पार्टी कहती है कि ईडी सिर्फ बीजेपी का सियासी टूल बनकर झूठे बयानों को फैला रही है.