नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में आतंकी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कठुआ जिले में सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला किया था। इसमें उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए थे। बढ़ते आतंकी हमलों के बीच कांग्रेस नेता करन सिंह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक सुझाव दिया है। उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों की बाढ़ बहुत चिंता का विषय है। मुझे भरोसा है कि लोग और सेना के अधिकारी जल्द से जल्द आतंकियों को पकड़ने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
करन सिंह ने कहा कि मेरे पास रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लिए एक सुझाव है। उन्होंने कहा कि कई सालों तक जम्मू डिविजन नगरोटा कोर के पास में था। इसका हेडक्वार्टर जम्मू से केवल तीस मील की दूरी पर ही है। कुछ साल पहले जम्मू संभाग को नगरोटा से हटाकर 200 मील से ज्यादा दूर पश्चिमी कमान के तहत रखा गया था। मेरा मानना है कि उग्रवाद के माहौल में क्षेत्र पर बेहतर नियंत्रण बनाने के लिए फिर से पुरानी व्यवस्था को ही बहाल कर दिया जाना चाहिए। क्षेत्र को लगातार निगरानी में रखने के लिए सैनिकों की ताकत बढ़ाना ज्यादा फायदेमंद होगा। इसलिए मेरा सुझाव है कि जम्मू डिविजन को नगरोटा कोर को वापस कर दिया जाए।
जम्मू में हाल में बढ़े आतंकी हमले
जम्मू में हाल के दिनों में आतंकी हमले तेजी से बढ़ रहे हैं। सोमवार को एक बार फिर से सैनिकों पर आतंकियों ने कारयराना हमला किया। इस हमले में पांच जवान शहीद हो गए। वहीं, पांच अन्य घायल हो गए। 9 जून को केंद्र में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद से हमलों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। आतंकियों ने जम्मू के रियासी में तीर्थ यात्रियों को ले जा रही बस को भी निशाना बनाया था। कटरा में शिव खोरी मंदिर से माता वैष्णो देवी मंदिर तक हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस अंधाधुंध गोलीबारी की वजह से रियासी जिले में एक गहरी खाई में गिर गई थी।
जम्मू पर ज्यादा फोक्स क्यों?
केंद्र सरकार के द्वारा आर्टिकल 370 खत्म करने के बाद पाकिस्तानी आतंकी समूहों की रणनीति का ध्यान कश्मीरी घाटी से हट गया है। यहां पर सुरक्षाबल कड़ी नजर गड़ाए हुए हैं। पिछले 2-3 सालों से जम्मू में रुक-रुक आंतकी हमला कर रहे हैं। बता दें कि 2023 में 43 आतंकवादी हमले और 2024 में अब तक 25 हमले हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू में आतंकी हमला करके बार-बार विधानसभा चुनाव में खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव ना हो।