नई दिल्ली,
फिलीपींस के मिंडानाओ में 11 जुलाई 2024 को 6.7 तीव्रता का भूकंप आया. यह बात पुख्ता की जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेस (GFZ) ने. हैरानी इस बात की है कि भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 630 किलोमीटर की गहराई में था. फिलीपींस की सीस्मोलॉजी एजेंसी ने कहा कि इतने गहरे भूकंप से ज्यादा नुकसान की उम्मीद नहीं है. लेकिन बाद में कई छोटे या बड़े झटके आ सकते हैं.
मुद्दा ये है कि फिलीपींस Ring of Fire इलाके में आता है. यानी ऐसी भौगोलिक जगह जहां पर सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं. सबसे ज्यादा ज्वालामुखी फटते हैं. सबसे ज्यादा सुनामी भी यहीं से पैदा होती है. अभी जो भूकंप आया है, वह 630 किलोमीटर की गहराई में था. पिछले तीन दिनों में इस तरह के दो भूकंप आ चुके हैं.
वैज्ञानिकों को आशंका है कि अगले 6-7 दिन में कोई बड़ा भूकंप आ सकता है. हालांकि, ज्यादा गहराई वाले भूकंपों से ऊपर जमीन पर नुकसान कम होता है. मतलब ये कि अगर कोई भूकंप 500 किलोमीटर की गहराई में आता है, तो उसका नुकसान ऊपर कम दिखेगा. लेकिन वहीं भूकंप अगर 20 किलोमीटर या उससे ऊपर की गहराई में आता है, तो जमीन पर नुकसान ज्यादा देखने को मिलेगा.
छिछले भूकंप यानी कोई खतरनाक परमाणु बम विस्फोट
आमतौर पर छिछले भूकंप ज्यादा आते हैं. यानी वो भूकंप जो 20 किलोमीटर या उससे कम गहराई के होते हैं. दुनिया में आने वाले सभी भूकंपों में से 75 फीसदी यही होते है. इन्हें शैलो-फोकस भूकंप कहते हैं. बदकिस्मती से जितना छिछला भूकंप होगा, नुकसान उतना ही ज्यादा होगा. लेकिन गहरे भूकंप नुकसान कम पहुंचाते हैं.
गहरे भूकंप यानी ज्यादा बड़े इलाके में झटके, नुकसान कम
जिन भूकंपों का केंद्र ज्यादा गहराई में होता है, वो बड़े इलाके में महसूस किए जाते हैं. यानी कई देशों में. सदियों पहले ऐसा एक ही भूकंप आया था. जिसकी वजह से म्यांमार के बागन कस्बे में सैकड़ों मंदिर क्षतिग्रस्त हुए थे. लेकिन सिर्फ चार लोगों की मौत हुई थी. साल 2004 में सुमात्रा में आया 9.1 तीव्रता का भूकंप और 2011 में जापान में आया भूकंप कम गहराई का था. दोनों करीब 60 किलोमीटर की गहराई में केंद्रित थे.