नई दिल्ली
दक्षिण की सियासत में के. चंद्रशेखर राव (KCR) की बीआरएस की चमक-दमक फीकी पड़ गई है। लोकसभा चुनाव में इस बार बीआरएस का सूपड़ा पूरी तरह साफ हो गया। पीएम मोदी ने तेलंगाना में बीजेपी के लिए खूब प्रचार किया था और जमकर बीआरएस और केसीआर पर तीखे हमले किए थे। उसी का नतीजा है कि दक्षिण में कमजोर कही जाने वाली बीजेपी ने तेलंगाना की कुल 17 लोकसभा सीटों में से 8 पर शानदार जीत दर्ज की है। 5 साल पहले यानी 2019 में KCR की पार्टी ने 9 और बीजेपी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन अब तेलंगाना की सियासत पूरी तरह बदल गई है। क्या तेलंगाना में बीआरएस की सियासी जमीन अब कमजोर पड़ चुकी है? ऐसी अटकलों से सियासी पारा हाई है। केसीआर की पार्टी फिर से खड़ी हो पाए, इसके लिए उसे बैसाखियों की जरूरत है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर बैसाखियां भगवा हो तो केसीआर की पार्टी और परिवार दोनों का कल्याण हो जाएगा।
बीआरएस नेताओं की बीजेपी से मुलाकात
राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा चल रही है कि बीआरएस, बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकती है। इसका कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन दोनों बीजेपी और बीआरएस का एक धड़ा ऐसी अटकलों को बल देने का काम कर रहा है। बड़ी बात यह है कि कुछ दिन पहले के चंद्रशेखर के बेटे और नेता के टी रामा राव दिल्ली आए थे, माना जा रहा है कि उन्होंने बड़े बीजेपी नेताओं से मुलाकात की है। उधर बीजेपी के नेता ऐसे किसी भी गठबंधन को लेकर कुछ भी साफ-साफ नहीं कह रहे हैं। हालिया लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद से केसीआर जहां बीमार पड़े हैं और जनसंपर्क से कटे हुए हैं, वहीं बीआरएस के नेता एक-एक कर पार्टी छोड़ते जा रहे हैं। इसके अलावा बीआरएस को अपने नेताओं पर मुकदमे का भी डर सता रहा है क्योंकि राज्य की कांग्रेस सरकार पूर्ववर्ती सरकार के नेताओं पर शिंकजा कस रही है।
BJP का ही एक गुट कर रहा विरोध
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के कुछ नेता इस सियासी संकट का लाभ उठाना चाह रहे हैं और बीआरएस पर विलय का दबाव डालने की बात भी कर रहे हैं। हालांकि, बीजेपी का ही एक गुट बीआरएस से गठबंधन की संभावनाओं का विरोध कर रहा है और कह रहा है कि यह पार्टी के लिए गलत कदम हो सकता है। हालांकि इन सबके बीच कहा जा रहा है कि इन्हीं संभावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए के पूर्व सीएम चंद्रशेखर राव के बेटे और राज्य के पूर्व मंत्री के टी रामाराव (KTR) पिछले दिनों हैदराबाद से दिल्ली तक की दौड़ लगा चुके हैं और भाजपा के कुछ नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं।
केंद्रीय एजेंसियों से टेंशन में केसीआर
केसीआर की विधायक बेटी के. कविता इस समय केंद्रीय एजेंसियों के शिकंजे में है। वह दिल्ली के कथित शराब घोटाले में पिछले पांच महीने से जेल में बंद हैं और ईडी के निशाने पर हैं। इन परिस्थितियों में माना जा रहा है कि के चंद्रशेखर राव बीजेपी से गठजोड़ के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। केसीआर बीजेपी से गठबंधन करके जहां एक तरफ केंद्र की जांच एजेंसियों से अपना और अपने परिवार को पीछा छुड़ाने चाह रहे हैं। वहीं बीजेपी के सहारे तेलंगाना में अपनी सियासी जमीन मजबूत करना चाहते हैं।