युवाओं की बल्ले-बल्ले, सरकार का मुख्य एजेंडा रोजगार, बजट से पहले PM मोदी ने दिया बड़ा संकेत

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को केंद्रीय बजट पर चर्चा के लिए टॉप अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी बैठक में मौजूद रहीं। बैठक के दौरान विकसित भारत, पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) और रोजगार पैदा करने जैसे विषयों पर चर्चा हुई। CNN-News18 की खबर के मुताबिक, इस बार बजट में सरकार का फोकस रोजगार सृजन पर ज्यादा होगा। प्रधानमंत्री ने भी रोजगार पैदा करने के साथ-साथ विकसित भारत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों में सुरजीत भल्ला, ए के भट्टाचार्य, प्रोफेसर अशोक गुलाटी, गौरव बल्लाभ, अमिता बत्रा, महेन्द्र देव और के वी कामथ आदि शामिल थे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में 2024-25 के बजट को पेश करने वाली हैं। अर्थशास्त्रियों और क्षेत्रीय विशेषज्ञों के अलावा, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और अन्य सदस्यों ने भी प्रधानमंत्री की बैठक में भाग लिया।

मोदी 3.0 का सबसे बड़ा आर्थिक दस्तावेज होगा यह बजट
यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल (मोदी 3.0) का पहला बड़ा आर्थिक दस्तावेज होगा। इस बजट से अन्य बातों के अलावा, 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप मिलने की उम्मीद है। पिछले महीने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संकेत दिया था कि सरकार सुधारों की गति को तेज करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य की दृष्टि का एक प्रभावी दस्तावेज होगा। इससे पहले, सीतारमण ने आगामी बजट पर अर्थशास्त्रियों और भारतीय उद्योग जगत के बड़े लोगों (कप्तानों) सहित विभिन्न विशेषज्ञों के साथ चर्चा की है।

एक्सपर्ट्स ने सरकार को क्या राय दी?
कई विशेषज्ञों ने सरकार से आम आदमी को टैक्स में राहत देने की मांग की है ताकि लोग ज्यादा खर्च कर सकें। साथ ही उन्होंने महंगाई को कम करने और अर्थव्यवस्था की गति को बढ़ाने के लिए कदम उठाने का सुझाव दिया है। बता दें कि 2023-24 में अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.2 प्रतिशत रही थी। लोकसभा चुनावों के चलते, सीतारमण फरवरी में पहले ही 2024-25 के लिए एक अंतरिम बजट पेश कर चुकी हैं। कई विशेषज्ञों ने सरकार से उपभोग को बढ़ावा देने के लिए आम आदमी को कर में राहत देने और मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने और आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। बैठक में वित्त मंत्री सीतारमण, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन और योजना मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन और अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला, अशोक गुलाटी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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