इस्लामाबाद
पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है। उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों की बात की। इस दौरान उन्होंने भारत का बिना नाम लिए आरोप लगाया कि कश्मीरियों के अधिकारों का अनदेखी और उल्लंघन हो रहा है। यह पहली बार नहीं है, जब अलीयेव ने कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किया है। हालांकि, हर बार भारत ने अजरबैजान को करारा जवाब देकर उसकी बोलती बंद की है। माना जा रहा है कि अलीयेव भारत-अर्मेनिया दोस्ती से चिढ़े हुए हैं और इसलिए ही पाकिस्तान पहुंच कश्मीर मुद्दा उठा रहे हैं।
अलीयेव ने कश्मीर मुद्दे पर उगला जहर
अलीयेव ने कहा, “आज पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच भाईचारे के रिश्ते इसी बुनियाद पर टिके हैं। हम भाई हैं, हम दोस्त हैं, हम हर मुद्दे पर, हर अंतरराष्ट्रीय संस्था में, हर अंतरराष्ट्रीय मामले पर एक दूसरे का समर्थन करते हैं। जब हमने जो मामला पेश किया, उसमें हमारे भाई हमारा समर्थन करते हैं। जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर हमारा सीधा समर्थन हमारे भाईचारे के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति हमारा सम्मान है। दशकों से कश्मीरियों के अधिकारों की अनदेखी और उनका उल्लंघन किया जा रहा है।”
संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का हवाला दिया
अजरबैजानी राष्ट्रपति ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि इस मुद्दे को कैसे हल किया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के कार्यान्वयन की कोई व्यवस्था नहीं है। लेकिन हम भाई और दोस्त के रूप में हमेशा आपके साथ, कश्मीर में अपने भाइयों के साथ, अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ, न्याय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे और मुझे यकीन है कि न्याय की जीत होगी।”
पाकिस्तान से दोस्ती की तारीफ की
उन्होंने कहा, “हम, अजरबैजान के सभी लोग, अच्छी तरह से जानते हैं कि कब्जे के समय पाकिस्तान उन कई देशों में से एक था जो हमेशा हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा था। और दूसरे कराबाख युद्ध के दौरान, देशभक्तिपूर्ण युद्ध, राजनीतिक समर्थन, अज़रबैजान की न्यायपूर्ण स्थिति का समर्थन करने वाले पाकिस्तान के उच्च पदस्थ अधिकारियों के सीधे बयानों ने हमें अतिरिक्त शक्ति और ताकत दी।”