नई दिल्ली
कुछ समय पहले भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी चिराग शेट्टी ने यह बयान दिया था कि उन्हें सफलता हासिल करने के बावजूद क्रिकेटर्स के बराबर अहमियत नहीं मिलती है। उनके साथ भेदभाव होता है। भारत की स्टार खिलाड़ी और ओलंपिक मेडलिस्ट साइना नेहवाल का मानना है कि बैडमिंटन क्रिकेट से मुश्किल खेल फिर भी उन्हें वह तवज्जो नहीं मिलती जो कि क्रिकेट को हासिल है।
भारत में नहीं है स्पोर्ट्स का कलचर
साइना नेहवाल ने कहा कि उन्हें लोकप्रियता इसलिए मिली क्योंकि उन्होंने लगातार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, ‘आज लोग यह जानते हैं कि साइना क्या कर रही है, विनेश क्या कर रही है, मीरबाई चानू क्यों कर रही है, नीरज क्या कर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमने लगातार प्रदर्शन किया है। हम सुर्खियों में रहे हैं इसलिए लोग हमें जानते हैं। मैंने जो किया मुझे वह कभी-कभी सपना लगता है। मैंने भारत में रहकर वह कर दिखाया, ऐसा देश जहां स्पोर्ट्स का कलचर ही नहीं है।’
क्रिकेट नहीं है ताकत का खेल
साइना ने आगे कहा कि उन्हें दुख है कि क्रिकेट को इतनी ज्यादा अहमियत मिलती है। क्रिकेट से ज्यादा ताकत की जरूरत बाकी खेलों में पड़ती है फिर भी उन्हें अहमियत नहीं मिलती। साइना ने कहा, ‘कभी-कभी हमें क्रिकेट को मिल रही अहमियत देखकर दुख होता है। आप देखिए बैडमिंटन, टेनिस ऐसे खेल हैं जो ताकत के लिहाज से बहुत मुश्कि होता है। आप शटल उठाते हैं और 20 सेकंड तक गहरी सांसे लेते हैं, आपके समय भी नहीं होता और आपको सर्व करना होता है। क्रिकेट जैसे खेल को अहमियत मिलती है जहां ताकत से ज्यादा स्किल ज्यादा जरूरी है।’
सिर्फ क्रिकेट को अहमियत देकर भारत नहीं बन सकता स्पोर्टिंग नेशन
उन्होंने आगे कहा, ‘आप बाकी खेलों को देखिए जहां खिलाड़ी हर दूसरे दिन चोटिल हो रहा है लेकिन फिर भी खेल रहा है। थाईलैंड ओपन में सात्विक-चिराग को कभी पैर में दर्द था तो कभी हाथ में। इसके बावजूद वह टेप लगाकर खेले और देश के लिए जीते। उन खिलाड़ियों को भी क्रिकेट के सुपरस्टार्स की तरह देखा जाना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो देश कैसे स्पोर्टिंग नेशन बनेगा।’