मुंबई
लोकसभा चुनावों में बड़ी जीत हासिल करने वाले महाविकास आघाडी (MVA) को महाराष्ट्र में बड़ी शिकस्त मिली है। चुनावों में 13 लोकसभा सीटें जीतने वाली कांग्रेस पार्टी विधान परिषद चुनावों में विधायकों को एकजुट नहीं रख पाई। कांग्रेस के आधा दर्जन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इससे महाराष्ट्र सत्तारूढ़ महायुति (NDA) उम्मीदवारों की राह आसान हुई तो दूसरी तरफ एमवीए एक कैंडिडेट को हार का सामना करना पड़ा। इतना ही दूसरे कैंडिडेट की जीत भी अटक गई, हालांकि 1 वोट कम मिलने के बाद शिवसेना यूबीटी के कैंडिडेट को विजयी घोषित कर दिया है। विधान परिषद की 11 सीटों में महायुति को नौ और एमवीए को दो सीटें मिल पाईं। 288 सदस्यों वाली विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 274 थी।
मुश्किल से जीते नार्वेकर
2022 के विधान परिषद चुनावों में जहां देवेंद्र फडणवीस ने खेला किया था तो इस चुनावों में कांग्रेस को अजित पवार ने चोट दी। अजित पवार अपने विधायकों को एकजुट रखने के बाद अतरिक्त वोट हासिल करने में कामयाब रहे। इस चुनाव में जीत के लिए 23 वोटों का कोटा निर्धारित किया गया था। कांग्रेस के पास 37 वोट थे। प्रज्ञा राजीव सातव को 25 वोट मिले। उन्हें कोटे से दो वोट ज्यादा वोट मिले। ऐसे में कांग्रेस के 12 महाविकास आघाडी उम्मीदवारों को हस्तांतरित होने चाहिए थे, लेकिन कुछ और ही हो गया। ठाकरे समूह के पास 17 वोट थे।ऐसे में ठाकरे गुट के मिलिंद नार्वेकर को कांग्रेस के 6 वोटों की जरूरत थी। अगर ये वोट मिल जाते तो नार्वेकर को जीत के लिए 23 वोट मिल जाते, लेकिन असल में नार्वेकर को 22 वोट मिले, ऐसे में साफ है कि कांग्रेस के सात वोट बंट गए। इससे महाविकास आघाडी के एक प्रत्याशी को एक वोट कम मिला तो वहीं एनसीपी (शरद पवार) समर्थित जयंत पाटिल 12 वोटों पर अटक गए।
चुनाव में खेल किसने खेला?
इस चुनाव में अजीत पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के पास कुल 42 वोट थे। उन्हें दोनों कैंडिडेट को जिताने के लिए चार वोट चाहिए थे। एनसीपी के दोनों कैंडिडेट को 47 वोट मिले। इस तरह अजीतदादा ग्रुप को पांच अतरिक्त वोट मिले। ऐसे में यह माना जा रहा है कि कांग्रेस के 5 वोट अजितदादा गुट ने तोड़े। इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चुनावों में शिवसेना और बीजेपी के कैंडिडेट भी आसानी से जीत गए। इस चुनावों में क्रॉस वोटिंग रखने के लिए कांग्रेस ने विधायकों की बाडेबंदी नहीं की थी।
कांग्रेस को भारी पड़ा ओवर कांफिडेंस
ऐसे में यह माना जा रहा है कि कांग्रेस को अति आत्मविश्वास भारी पड़ गया। पदन्या सातव तो जीत गईं लेकिन कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग से एमवीए का मामला बिगड़ गया। शरद पवार समर्थित उम्मीदवार जयंत पाटिल को 12 वोट मिले हैं। शरद पवार गुट के पास सिर्फ 12 वोट थे। वे सभी उनको मिले हैं। महायुति के विधायकों को होटल में रखने पर कांग्रेस नेताओं ने तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि हमें विधायकों को होटल में रखने की जरूरत नहीं है। ऐसे में महायुति ने खेला कर दिया।