झज्जर
भारी अनियमिताओं के चलते बहादुरगढ़ के दिल्ली टेक्निकल कैंपस कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई है। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक ने डीटीसी कॉलेज को नो एडमिशन श्रेणी में डाल दिया है। इतना ही नहीं मौजूदा विद्यार्थियों को भी दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने के आदेश जारी किए गए हैं। एमडीयू ने डीटीसी कॉलेज के निदेशक को पत्र लिखकर चालू सत्र में किसी भी विद्यार्थी का एडमिशन नहीं करने और किसी भी तरह की फीस नहीं लेने के आदेश जारी किए हैं।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक की ओर से बहादुरगढ़ के नया गांव के पास स्थित डीटीसी कॉलेज यानी दिल्ली टेक्निकल कैंपस को लगातार दूसरे साल चालू शैक्षणिक सत्र के लिए नो एडमिशन श्रेणी में डाला है। इस बारे में एमडीयू की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। यूनिवर्सिटी के कुलपति की ओर से गठित की गई जांच कमेटी की रिपोर्ट पर भारी अनियमितताओं के चलते विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और कार्यकारी परिषद की ओर से पारित किए गए प्रस्ताव के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। आदेशों में साफ किया गया है कि डीटीसी वर्ष 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में किसी भी बच्चे का एडमिशन नहीं करेगा और ना ही किसी विद्यार्थी से किसी भी तरह की फीस लेगा। साथ ही डीटीसी में पढ़ रहे मौजूदा विद्यार्थियों को भी आसपास के दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने के आदेश दिए गए हैं। आदेशों पर आगामी कार्रवाई के लिए मदवि की शैक्षणिक शाखा के सहायक रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी लगाई गई है।
छात्रों को किया जाएगा शिफ्ट
इससे पहले वर्ष 2023-24 के लिए भी अखिल भारतीय तकनीकी परिषद और उच्चतर शिक्षा विभाग ने इस कॉलेज को नो एडमिशन कैटिगरी में डाला था। विभाग के महानिदेशक ने एमडीयू के रजिस्ट्रार को भी इस तरह के आदेश दिए थे। डीटीसी के पास कई तरह की जरूरी अनुमति और अन्य एनओसी न होने की वजह से विभाग के महानिदेशक ने कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए उन्हें किसी दूसरे संस्थान में जल्द से जल्द शिफ्ट करने के आदेश दिए थे। इन्हीं पर अमल करते हुए एमडीयू ने नए सिरे से आदेश जारी किए हैं।
एमडीयू ने नो एडमिशन श्रेणी में डाला
नया गांव के पास स्थित डीटीसी कॉलेज में बरती जा रही अनियमितताओं की शिकायत करने वाले स्वयं कॉलेज चलाने वाली संस्था के प्रधान नरेंद्र छिकारा हैं। उनका कहना है कि इस कॉलेज के भवन को बनाने के लिए चेंज आफ लैंड यूज नहीं ली गई। न फायर एनओसी, न आक्यूपेशन सर्टिफिकेट, न प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी ली गई। इसकी शिकायत की गई। अब इसे एमडीयू ने नो एडमिशन श्रेणी में डाला है।