महंगाई के मोर्चे पर झटका: चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची, रिटेल इंफ्लेशन 5% के पार

नई दिल्ली

खुदरा महंगाई चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। जून महीने में आंकड़ा 5 फीसदी के पार चला गया है। जून में खुदरा महंगाई 5.08 फीसदी दर्ज की गई है। पिछले महीने तक यह आंकड़ा 4.75 फीसदी था जो अब पांच प्रतिशत के भी पार चला गया है। इस समय सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं, आम जनता इससे त्रस्त हो चुकी है। अब आंकड़े भी उस महंगाई की तस्दीक कर रहे हैं।

महंगाई के मोर्चे पर झटका
असल में खुदरा महंगाई तो बढ़ी ही है, इसके अलावा खाद्य महंगाई दर 9.36 फीसदी दर्ज की गई है। बड़ी बात यह है कि खाद्य महंगाई पिछले महीने 8.83 फीसदी थी जो अब सीधे 9 फीसदे के पार चली गई है। खुदरा महंगाई के मोर्चे पर भी सरकार को अच्छी खबर नहीं मिली है क्योंकि कई महीनों बाद आंकड़ा पांच फीसदी के पार गया है। वैसे सब्जियों के बढ़े हुए दाम के कई कारण माने जा रहे हैं। इससे पहले जून महीने में भी सब्जियों के दाम ने आम जनता को परेशान किया था।

क्यों बढ़ रहे सब्जियों के दाम?
तब जानकारों का कहना था कि प्रचंड गर्मी की वजह से खेतों में ही सब्जियां सूख रही थीं। पौधों में फल लगने के बाद गर्मी की वजह से झुलस रहे थे। वैसे इस बार तो हरी सब्जियों पर मौसम की मार ज्यादा पड़ रही है। कोल्ड स्टोर में सब्जियों को रखने की जगह तक नहीं बची है। गर्मी की वजह से ही जल्दी सब्जियां खराब हो रही हैं। इतना ही नहीं सब्जियों की ढुलाई में भी मुश्किल आ रही है। उसी वजह से सब्जियों के रेट में यह जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है।

आरबीआई को बड़ी जिम्मेदारी
वैसे केंद्र सरकार ने आरबीआई को इस बढ़ती महंगाई को काबू में करने का निर्देश दे रखा है। जोर देकर कहा गया है कि दो फीसदी के मार्जिन को साथ लेकर सीपीआई मुद्रास्फीति को 4 फीसदी के आसपास रखा जाए। अब कब तक यह महंगाई नियंत्रण में आती है, इस बात का इंतजार करना होगा।

औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी
वहीं, देश का औद्योगिक उत्पादन मई में 5.9 फीसदी बढ़ा है। खनन और बिजली क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के चलते ऐसा हुआ। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन मई 2023 में 5.7 फीसदी बढ़ा था। एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, मई 2024 में खनन उत्पादन 6.6 फीसदी और बिजली उत्पादन 13.7 फीसदी बढ़ा। इस साल मई में मैन्‍यूफैक्‍चरिंग क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 4.6 फीसदी रह गई, जो इस साल पहले इसी माह में 6.3 फीसदी थी। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान औद्योगिक उत्पादन में ग्रोथ 5.4 फीसदी रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 5.1 फीसदी थी।

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