देहरादून
उत्तराखंड की देहरादून पुलिस ने संदिग्ध रेडियोधर्मी उपकरण रखने और उसकी अवैध खरीद-फरोख्त में शामिल होने के आरोप में शुक्रवार को पांच लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर राजपुर क्षेत्र में की गई कार्रवाई के दौरान इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से दो आरोपी उत्तर प्रदेश, दो आरोपी मध्य प्रदेश और एक आरोपी दिल्ली का रहने वाला है। आरोपियों के खिलाफ जीवन को संकट में डालने वाला पदार्थ रखने और उसकी खरीद-फरोख्त करने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि ‘ब्रुक एंड वुडस सोसायटी’ के एक फ्लैट में आरोपियों के पास से एक रेडियोग्रॉफी कैमरा मिला जिस पर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) लिखा हुआ था। आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी सुमित पाठक, सहारनपुर निवासी तबरेज आलम, नई दिल्ली के रहने वाले सरबर हुसैन, मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी जैद अली और भोपाल निवासी अभिषेक जैन के रूप में की गई है। पुलिस ने बताया कि उनके पास से काले रंग का एक बक्सा भी मिला। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि इसमें एक रेडियोधर्मी पदार्थ है। इसे खोलने पर विकिरण का खतरा है।
10 महीने पहले खरीदा था
आरोपी तबरेज आलम ने पुलिस को बताया कि उसने यह उपकरण 10 महीने पहले सहारनपुर निवासी राशिद उर्फ समीर से खरीदा था। शुक्रवार को वह उसे सुमित पाठक को बेचने की बात करने देहरादून आया था। उसने बताया कि यह सौदा करोड़ों रुपये में होने वाला था। मौके पर विकिरण की आशंका के मद्देनजर पुलिस ने फ्लैट के उस कमरे को सील कर दिया, जहां से संदिग्ध रेडियोधर्मी उपकरण बरामद हुआ। राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीम को जांच के लिए बुलाया गया।
प्रारंभिक जांच में हुई पुष्टि
पुलिस ने बताया कि एसडीआरएफ की प्रारंभिक जांच में रेडियोधर्मी पदार्थ होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद बार्क सहित अन्य संबंधित एंजेसियों से संपर्क कर उन्हें इसकी सूचना दी गई। पता चला है कि इस प्रकार के उपकरणों का निर्माण मुंबई स्थित बार्क में किया जाता है और इनका उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में और बड़ी-बड़ी पाइप लाइन में लीकेज रोकने में किया जाता है।
अन्य आरोपियों की जानकारी जुटा रही पुलिस
पुलिस ने बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के नरोरा में स्थित ‘परमाणु ऊर्जा स्टेशन’ से एक आपात टीम तत्काल देहरादून पहुंची और उसने करीब चार से पांच घंटे तक उपकरण का परीक्षण किया। उसने उपकरण में प्रथमदृष्टया रेडियोधर्मी पदार्थ न होने, लेकिन रसायनों की मौजूदगी को देखते हुए उसे बार्क भेजने का सुझाव दिया। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि जल्द ही उपकरण को जांच के लिए बार्क भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों से पूछताछ में कुछ अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आए हैं, जिनके बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है।