लखनऊ
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। जिसको बीजेपी हाईकमान से लेकर राज्य स्तर का नेतृत्व पचा नहीं पा रहा है। जिस राम को लेकर बीजेपी ने अपने कैंपेन की शुरुआत की थी, उसी शहर अयोध्या में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। जिसने बीजेपी नेतृत्व के साथ-साथ राज्य स्तर के नेताओं को मंथन के लिए विवश कर दिया। यही वजह है कि भाजपा आज लखनऊ में होनी वाली बैठक में उन तमाम मुद्दों पर चर्चा करेगी। साथ ही यह भी खंगालने की कोशिश करेगी कि आखिरकार उसके हाथ से अयोध्या कैसे फिसल गई।
2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी फोकस
बता दें, यूपी में खराब हुए प्रदर्शन को लेकर पार्टी लगातार बैठक और मंथन कर रही है। इसी बीच में आज यूपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हो रही है। इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान लोकसभा चुनाव में हार के कारणों पर मंथन, उपचुनाव की तैयारी और राज्य में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा।
बीजेपी की यह बैठक लखनऊ में राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के सभागार में हो रही है। बैठक में मुख्य संबोधन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का होगा। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक भी मौजूद रहेंगे। बैठक में केंद्रीय कैबिनेट से यूपी कोटे में भेजे गए केंद्रीय मंत्रियों, राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार के मंत्रियों को भी बुलाया गया है।
बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव में 62, 2024 में 33 सीटों मिलीं
लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश 2019 के मुकाबले काफी कम हो गईं हैं। पार्टी को 2019 में जहां 62 सीटें मिली थीं वहीं 2024 के चुनाव यह सीटें घटकर 33 रह गईं। पार्टी का वोट शेयर भी 8.50 फीसदी घट गया है। यही वजह है कि बीजेपी लगातार नतीजों की समीक्षा कर रही है।
बैठक में लोकसभा चुनाव में विपक्ष द्वारा संविधान में बदलाव और आरक्षण खत्म करने का नैरेटिव फैलाकर गांव-गांव तक भ्रम फैलाने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। बैठक में संगठन महामंत्री धर्मपाल उन अभियानों की चर्चा करेंगे जिनके जरिए बीजेपी वोटर तक अपनी बात पहुंचाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आज की बैठक का मुख्य एजेंडा राज्य की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी होगा।
बता दें, शनिवार को 7 राज्यों की 13 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों से भी पार्टी को झटका लगा है, ऐसे में मुमकिन है कि पार्टी इससे सबक लेते हुए और मजबूती से चुनावी मैदान में उतरेगी। यूपी में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें से पांच पर समाजवादी पार्टी और तीन पर बीजेपी का कब्ज़ा था, लिहाजा बीजेपी चाहेगी कि वो ना केवल अपनी सीटें जीते बल्कि समाजवादी पार्टी के खेमे की सीटों पर भी सेंध लगाए।
लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटें कम होने के बाद पार्टी के कुछ विधायकों, पूर्व सांसदों और कार्यकर्ताओं के बयान वायरल हो रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कार्यसमिति की बैठक में बड़बोले विधायकों-कार्यकर्ताओं पर नज़र रहेगी। बैठक में किसी तरह का कोई विवादित बयान या संदेश न जाए, इसके लिए सभी प्रदेश पदाधिकारियों से ऐसे लोगों पर नज़र रखने को कहा गया है। सभी से साफ कह दिया है कि वह मीडिया में कोई बयानबाजी नहीं करेंगे। इसके लिए सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी भी दी गई है।