गुना:
घर में शादी की रस्में चल रही थीं। देवा पारदी की हाथों में मेहंदी लगी थी। बारात जाने से पहले वह शेरवानी पहनकर तैयार था। उसने शेरवानी पहनने के बाद आखिरी सेल्फी क्लिक की। उधर, दुल्हन भी सज कर तैयार थी। दुल्हन पक्ष के लोग बारात आने का इंतजार कर रहे थे। देर रात दूल्हे देवा की मौत की खबर मिली।
आरोप है कि पुलिस कस्टडी में दूल्हे देवा पारदी नाम के युवक की मौत हो गई है। पुलिस ने युवक और उसके चाचा को डकैती के केस में पूछताछ के लिए पकड़ा था। रविवार को ही युवक की शादी थी। वह दूल्हा बनने के लिए तैयार था, उसके पहले ही पुलिस उसे उठा ले गई। युवक की मौत के बाद रविवार की रात को उसके समाज के लोग जिला अस्पताल पहुंचे और जमकर हंगामा किया। युवक की होने वाली दुल्हन ने अस्पताल में खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की है। वहीं उसकी चाची ने पेट्रोल डालकर आग लगा ली।
बारात जाने से पहले ही उठा ले गई पुलिस
दरअसल, मामला गुना के बीलाखेड़ी का है। गांव का रहने वाले युवक देवा पारदी की बारात रविवार को गुना के गोकुल सिंह चक्क पर जाने वाली थी। बारात निकलने के पहले ही लगभग 4.30 बजे पुलिस बीलाखेड़ी गांव पहुंची और युवक देवा पारदी और उसके चाचा गंगाराम को उठा ले गई। जिस ट्रैक्टर पर बारात जानी थी, उसको भी साथ लेकर चली गई। देवा की चाची सूरजबाई ने बताया कि वे पीछे- पीछे झागर चौकी पहुंची। वहां पुलिस ने कहा कि डकैती के केस में एक गाड़ी की बरामदगी करनी है, इसलिए उन दोनों को उठाया है।
होने वाली दुल्हन ने आत्मदाह की कोशिश की
इसके बाद देर रात जिला अस्पताल से सूचना आई कि एक पारदी युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया है। जब हम लोग अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि वह शव देवा का है। पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हो चुकी थी। देवा के मरने की सूचना मिलते ही उसकी होने वाली दुल्हन, चाची और दूसरी महिलाएं एक मिनी ट्रक से अस्पताल पहुंची। अस्पताल पहुंचने के बाद होने वाली दुल्हन ने अपने शरीर पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश करने लगी। पुलिस ने उसे भी पकड़कर चौकी पर बैठा दिया। कुछ देर बाद देवा की चाची ने भी अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। आग बुझाने के लिए एसडीओपी युवराज सिंह दौड़े। बुझाने के चक्कर में उनकी भी अंगुलियां झुलस गईं।
एडिशनल एसपी ने क्या कहा?
मामले को लेकर एडिशनल एसपी मान सिंह ठाकुर ने बताया कि डकैती के संबंध में पूछताछ के लिए देवा पारदी और गंगाराम पारदी को पुलिस ने हिरासत में लिया था। थाने ले जाते वक्त रास्ते में ही देवा के सीने में दर्द उठा। उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, वहां उसका 45 मिनट तक इलाज चला, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।