उन्नाव,
मॉनसून की बारिश से कई राज्य बेहाल हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल से लेकर अवध क्षेत्र के मैदानी इलाकों में बाढ़ से हालात खराब हैं. घरों में पानी भर गया है और सड़कों पर निकलना भी मुश्किल हो रहा है. लोग परेशान हैं, लेकिन जल संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. यूपी के पूर्वांचल से लेकर अवध के कई जिलों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं.
दरअसल, कानपुर के गंगा बैराज से छोड़े गए 2 लाख 63 हजार 941 क्यूसेक पानी से उन्नाव जिले में गंगा किनारे के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. आलम यह है कि यहां से लोग घरों से ऊंचे स्थान पर चले गए हैं. जो लोग हैं वे मजबूरन रह रहे हैं. उनका कहना है बाढ़ का पानी आने से उन्हें काफी दिक्कतें हो रही है.
प्रशासन लगातार इलाके में कर रहे हैं निरीक्षण
वहीं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जिला प्रशासन लगातार निरीक्षण कर उनको वहां से हटने का निर्देश दे रहे हैं. पूर्वांचल के कई जिलों के साथ अब अवध के भी कई जिले बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. यूपी के उन्नाव जिले के कई क्षेत्र भी बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. शुक्लागंज का करबला, चंप्पापुरवा और खोताखोर मोहल्ला में बाढ़ के पानी कहर बरपा रखा है.
बच्चें नाव से स्कूल जाने को मजबूर
वहीं, स्कूल जाने वाले बच्चें भी नाव से जाने को मजबूर हैं. बताया जा रहा है कि अगर गंगा बैराज से और पानी छोड़ा गया, तो अन्य कई गांव और क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आने की संभावना है. शुक्लागंज गंगा का वार्निंग प्वाइंट 112 और डेंजर प्वाइंट 113 है. इस समय गंगा का जलस्तर 111.910 प्वाइंट है. यानी की .90 प्वाइंट ही वार्निंग प्वाइंट से कम है.
मामले में सदर तहसीलदार ने कही ये बात
सदर तहसीलदार अविनाश चौहान ने बताया कि आज हम लोगों ने नदी मार्ग से निरीक्षण किया है. बाढ़ से तीन क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित है. गोताखोर, कर्बला और चंपापूर्वा का क्षेत्र मिश्रा कॉलोनी का सर्वेक्षण किया. यहां पर 30 से 40 घरों में पानी घुसा है. उनके लिए राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं. उनलोगों को बताया है कि जहां बाढ़ शिविर है वहां पर आप लोग चले जाएं.