अजमेर,
राजस्थान के अजमेर में स्थित में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह पर विवादित नारे के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. अजमेर कोर्ट ने अपने फैसले में मुख्य आरोपित गौहर चिश्ती सहित अन्य 6 आरोपितों को बरी कर दिया है. बता दें कि ‘सर तन से जुदा’ जैसा विवादास्पद बयान देने वाले अजमेर दरगाह के मौलवी गौहर चिश्ती को साल 2022 में हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था.
क्या है पूरा मामला?
जून 2022 में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें गौहर चिश्ती और अन्य लोग अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार पर नूपुर शर्मा के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाते नजर आए थे. वीडियो में चिश्ती को नूपुर शर्मा के खिलाफ मुस्लिम समुदाय की रैली शुरू होने से ठीक पहले ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाते हुए देखा गया था. बता दें कि नूपुर शर्मा एक टेलीविजन बहस के दौरान पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद विवाद का सुर्खियों में बन गई थीं. बीजेपी के द्वारा निलंबित की गई नूपुर शर्मा ने कई बार जान से मारने की धमकियां मिलने की शिकायत की थी.
गौहर चिश्ती को गिरफ्तार करने के बाद अजमेर के एसपी चुना राम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि गौहर चिश्ती को पकड़ने के लिए अजमेर पुलिस ने हैदराबाद पुलिस की मदद ली थी. हैदराबाद में पुलिस को टीम को देखकर गौहर चिश्ती ने भागने की कोशिश भी की थी. इसके अलावा अजमेर एसपी ने बताया था कि गौहर चिश्ती को आश्रय देने के आरोप में मोहम्मद अमानुतल्लाह उर्फ मुन्नावर को भी गिरफ्तार किया गया है.