नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज केंद्रीय बजट 2024 के लिए ‘हलवा सेरेमनी’ में हिस्सा लिया। यह रस्म बजट बनाने की प्रक्रिया के अंतिम चरण का प्रतीक है। वित्त मंत्री ने बजट बनाने में शामिल पूरी टीम को हलवा खिलाकर मुंह मीठा कराया। हर साल बजट बनाने की प्रक्रिया ‘लॉक-इन’ में जाने से पहले यह रस्म निभाई जाती है। वित्त मंत्री के अलावा मंत्रालय के अन्य सदस्य जैसे राज्य मंत्री पंकज चौधरी, सीईए वी अनंत नागेश्वरन, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन, डीईए सचिव अजय सेठ भी हलवा समारोह में मौजूद थे।
क्या होता है हलवा समारोह?
हलवा सेरेमनी भारत में एक महत्वपूर्ण परंपरा है जो बजट से पहले आयोजित की जाती है। यह वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से बजट दस्तावेज का काम पूरा करने का प्रतीक है। इस समारोह में वित्त मंत्री कर्मचारियों को हलवा बांटते हैं। हलवा मीठा होता है, जो बजट में मधुर परिणामों की आशा का प्रतीक है। यह समारोह बजट प्रक्रिया के सफल समापन का उत्सव भी है। हलवा सेरेमनी केवल एक प्रतीकात्मक समारोह है, लेकिन यह बजट प्रक्रिया के महत्व को दर्शाता है। यह वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की योजनाओं और नीतियों की एक झलक भी प्रदान करता है।
मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट
मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट 23 जुलाई को पेश करने जा रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संकेत दे चुकी हैं कि यह बजट कई ऐतिहासिक कदमों वाला होगा। फरवरी में पेश किया गया आखिरी बजट लोकसभा चुनावों के कारण सिर्फ एक लेखानुदान था। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार सरकार का पूरा ध्यान रोजगार पर होगा, साथ ही व्यापक आर्थिक स्थिरता पर भी ध्यान केंद्रित रहेगा।
यह बजट न सिर्फ मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं को तय करेगा, बल्कि 2047 तक के लिए एक रोडमैप भी पेश करेगा। अपने अंतरिम बजट भाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा था, ‘जुलाई में पूर्ण बजट में हमारी सरकार ‘विकसित भारत’ के हमारे लक्ष्य के लिए एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करेगी।’ इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्यूफैक्चरिंग, राजकोषीय अनुशासन, रोजगार सृजन और सामाजिक क्षेत्रों पर जोर दिए जाने की उम्मीद है। सरकार की कोशिश होगी कि यह बजट देश के विकास को नई गति दे। सभी की निगाहें इस बजट पर टिकी हैं। उम्मीद है कि यह बजट देश के भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखेगा।