नई दिल्ली
पिछले तीन महीने में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद एक बार फिर से सिर उठाने की कोशिश कर रहा है। अब आतंकी आम जनता के साथ सेना के जवानों को भी निशाना बना रहे हैं। जिसकी वजह से इस देश को इन आतंकी गतिविधियों से काफी नुकसान हुआ है। अगर जम्मू में इस साल हुई आतंकी गतिधियों पर नजर डालें तो साल 2024 में 16 जुलाई तक जम्मू में 11 बार आतंकियों ने हमला किया। जिसमें 12 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए जबकि 10 नागरिकों की भी मौत हो गई। जबकि 55 लोग घायल हुए हैं।
जुलाई 2024
इस साल जुलाई महीने में अब तक तीन बार आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में हमला बोला है। जिसमें 9 सैन्यकर्मी शहीद हो गए है। जबकि 5 जवान घायल हुए हैं।
16 जुलाई: डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत चार सैन्यकर्मी शहीद हो गए।
8 जुलाई: कठुआ जिले में आतंकवादी हमले में पांच सैन्यकर्मी शहीद और पांच घायल हुए।
7 जुलाई: राजौरी जिले में एक सुरक्षा चौकी पर आतंकवादी हमले में एक सैन्यकर्मी घायल हो गया।
जून 2024:
इस साल में जून महीने में जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा आतंकी हमले हुए हैं। पिछले महीने चार बार आतंकियों ने हमला किया जिसमें कई जवान और तीर्थयात्री मारे गए थे। 9 जून को कटरा के पास रियासी इलाके में आतंकियों ने तीर्थयात्रियों की बस को निशाना बनाया था।
26 जून: डोडा जिले में गोलीबारी में तीन विदेशी आतंकवादी मारे गए।
12 जून: डोडा जिले में आतंकवादी हमले में एक पुलिसकर्मी घायल।
11/12 जून: कठुआ जिले में मुठभेड़ में दो विदेशी आतंकवादी मारे गए और केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान की मौत हो गई। डोडा जिले में आतंकवादी हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान और एक विशेष पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
9 जून: रियासी जिले में एक बस पर आतंकवादी हमले में नौ तीर्थयात्री मारे गए और 42 घायल हो गए।
मई और अप्रैल 2024:
4 मई: पुंछ जिले में आतंकवादी हमले में एक वायुसेना कर्मी की मौत हो गई और पांच घायल हो गए।
28 अप्रैल: उधमपुर जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक ग्राम रक्षा प्रहरी की मौत हो गई।
22 अप्रैल: राजौरी जिले में आतंकवादियों ने एक सरकारी कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी।
अभी तक सिर्फ 5 आतंकी हुए ढेर
जम्मू में हुए इस साल आतंकी हमलों से निपटना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। अभी तक बस पांच ही आतंकियों को ढेर किया गया है। दरअसल अब आतंकी उन इलाकों में हमले कर रहे हैं जहां पेड़ पौधे ज्यादा हैं। हमला करके आतंकी उन्हीं रास्तों से भाग रहे हैं। वहीं सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकवादी नए इलाकों को टारगेट कर रहे हैं। जहां पर सुरक्षकर्मी कम तैनात रहते हैं।