दिल्ली समेत 3 राज्यों में मोदी सरकार ने रोका फंड! PM-SHRI में शामिल नहीं होने पर जोर का झटका

नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल को स्कूल शिक्षा कार्यक्रम, समग्र शिक्षा अभियान (SSA) के तहत फंड देना बंद कर दिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि ये राज्य प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (PM-SHRI) योजना में शामिल होने से हिचकिचा रहे हैं। PM-SHRI योजना का लक्ष्य सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करना है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार का कहना है कि जो राज्य PM-SHRI योजना में शामिल नहीं होंगे, उन्हें SSA के तहत फंड नहीं मिलेगा।

क्या है पीएम श्री योजना
PM-SHRI योजना के तहत अगले पांच साल में 27,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट रखा गया है। इसमें केंद्र सरकार 60 फीसदी और राज्य सरकारें 40 फीसदी राशि वहन करेंगी। इस योजना का उद्देश्य कम से कम 14,500 सरकारी स्कूलों को मिसाल संस्थानों में बदलना है। इसका मकसद राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के क्रियान्वयन को प्रदर्शित करना है।

ये राज्य PM-SHRI फंड में शामिल नहीं
इस योजना में शामिल होने के लिए राज्यों को शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करना होगा। तमिलनाडु, केरल, दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल ने अभी तक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। तमिलनाडु और केरल ने इसमें शामिल होने की इच्छा जताई है, लेकिन दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल ने इनकार कर दिया है। उधर दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल को पिछले वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर और जनवरी-मार्च तिमाही की तीसरी और चौथी किस्त नहीं मिली है। इसके साथ ही, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही की पहली किस्त भी नहीं मिली है।

किन राज्यों में कितने फंड का इंतजार
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली को लगभग 330 करोड़ रुपये, पंजाब को लगभग 515 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल को तीन तिमाहियों के लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का इंतजार है। शिक्षा मंत्रालय ने फंड रोकने और राज्यों की ओर से बताई गई बकाया राशि के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य SSA के तहत फंड प्राप्त करना जारी नहीं रख सकते हैं और PM-SHRI योजना को लागू नहीं कर सकते हैं, जो कार्यक्रम का एक हिस्सा है।

स्कूलों में कामकाज पर पड़ सकता है असर
दिल्ली और पंजाब ने इसमें हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है क्योंकि दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी की सरकार है। वे पहले से ही ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ नाम से एक समान योजना चला रहे हैं। पश्चिम बंगाल ने अपने स्कूलों के नाम के आगे PM-SHRI लगाने का विरोध किया है, खासकर जब से राज्यों को लागत का 40 फीसदी वहन करना है। पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर SSA फंड जारी करने की मांग की है। ऐसा माना जाता है कि दिल्ली सरकार ने भी केंद्र को पत्र लिखा है। दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि जुलाई 2023 से, केंद्र और पंजाब सरकार के बीच कम से कम पांच पत्रों का आदान-प्रदान हुआ है।

पंजाब के सीएम ने लिखा शिक्षा मंत्री को पत्र
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर राज्य सरकार से परियोजना का हिस्सा बनने के लिए कहा था और राज्य ने योजना से बाहर निकलने के अपने रुख को दोहराया था। पंजाब ने शुरुआत में PM-SHRI को लागू करने का विकल्प चुना था। उसने अक्टूबर 2022 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे और जिन स्कूलों का उन्नयन किया जाना था, उनकी पहचान कर ली गई थी, लेकिन राज्य बाद में पीछे हट गया।

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