लखनऊ:
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदों को थोड़ा झटका दिया है। सपा-कांग्रेस गठबंधन की तरफ से शानदार प्रदर्शन के बाद से योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार को सवालों का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन पहले ही यूपी कार्यसमिति की बैठक में हजारों कार्यकर्ताओं ने मंथन कर नतीजों की वजह जानी और आगामी चुनावों पर फोकस करने पर विचार साझा किया। हालांकि इस बीच भाजपा के मंत्री, विधायक ही नसीहत देने और सवाल उठाने लगे हैं। सहयोगी और मंत्री संजय निषाद के साथ ही विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने नौकरशाही पर सवाल उठाए हैं। इसके पहले विधायक रमेश मिश्र और पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह ने भी दोबारा सरकार बनने और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सवाल उठा दिया।
MLC ने नौकरशाहों की साजिश करार दी
बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी को पत्र लिखकर सवाल कर दिया है। बीजेपी एमएलसी ने पूछा कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि प्रदेश की जनता आप की सरकार से नाराज हो गई है। इसके साथ ही ऑनलाइन हाजिरी के निर्णय को वापस लेने के साथ ही पुरानी पेंशन की बहाली पर विचार करने की मांग की है। उन्होंने लिखा कि कई कारणों ने मिलकर 2024 का परिणाम खराब कर दिया है।
सीएम योगी को सलाह देते हुए एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने पत्र में लिखा कि आपको नौकरशाहों की साजिशों से बचना होगा। इसके साथ ही लिखा कि बढ़ती नाराजगी को रोकने के लिए डिजिटल अटेंडेंस का फैसला वापस लेना होगा। साथ ही कहा कि पुरानी पेंशन देने पर विचार करने की जरूरत है। जनता के मन में सरकार की छवि शिक्षक और कर्मचारी विरोधी बन गई है। इसके लिए नौकरशाह जिम्मेदार हैं, उनके द्वारा लिए गए निर्णयों ने जनता को नाराज कर दिया। नौकरशाहों के लिए गए निर्णय सरकार के लिए अभिशाप बन गए है।
संजय निषाद ने अधिकारियों को लपेटा
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने अधिकारियों को लेकर एक बार फिर जोरदार हमला बोल दिया है। मंत्री संजय निषाद ने कहा कि कुछ अधिकारी अंदर से साइकिल, हाथी और पंजे वाले हैं और ऊपर कमल है। वो मौका पाते ही, डंस लेते हैं। इसके साथ ही निषाद पार्टी के मुखिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार के कई कारण है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ होता है।
हम घाटे में भी रहेंगे साथ- संजय निषाद
साथ ही संजय निषाद ने आरक्षण के सवाल पर कहा कि कुछ अधिकारी है जो उसे उलझाते है, लेकिन हम उसे सुलझाने में लगे हैं। इन अधिकारियों ने निषादों को पिछड़ों समेत अन्य अन्य जातियों में डाल रखा है। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि हम सहयोगी दल है। पार्टनर का मतलब होता है कि हम फायदे और घाटे में साथ रहे। आज जब सीटें घटी है तो हम घाटे में भी बीजेपी के साथ रहेंगे। ये बात सही है कि हार के कारणों पर चिंतन होना चाहिए। कई सारे हार के कारण हैं। इसमें आरक्षण से संबंधित, निषाद पार्टी को सीटें न मिलना समेत कई कारण है। वहीं संजय निषाद ने उपचुनाव को लेकर कहा कि हम सीट मांगने वाले नेता नहीं है। हम लोग सभी 10 सीट मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे।
MLA रमेश मिश्र ने यूपी में हालत बताई खराब
जौनपुर की बदलापुर सीट से बीजेपी विधायक रमेश मिश्रा ने एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने अपनी ही पार्टी की वर्तमान स्थिति खराब बताया है। BJP विधायक की मानें तो मौजूदा सरकार की स्थिति बहुत खराब है। इस स्थिति को देखते हुए 2027 में भाजपा की सरकार नहीं बनती हुई दिखाई पड़ रही है। विधायक मिश्रा ने कहा है कि साल 2027 का चुनाव जीतने के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को बड़ा निर्णय लेना पड़ेगा और उत्तर प्रदेश के चुनाव में पूरी तरह से फोकस करना पड़ेगा। बीजेपी के कार्यकर्ता और नेताओं को चुनाव में मन से लगना होगा ताकि भाजपा सरकार दोबारा बन सके।
पूर्व मंत्री मोती सिंह भ्रष्टाचार का हाल बता गए
प्रतापगढ़ की पट्टी सीट से विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हमारा अगला लक्ष्य 2027 है। विधानसभा पट्टी में मतदाताओं ने बहुत ही बढ़-चढ़कर भाजपा के सम्मान में वोट किया। उन्होंने कहा कि मतदाताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं का सही मायने में सम्मान तभी होगा जब थानों और तहसीलों से भ्रष्टाचार खत्म होगा।
उन्होंने कहा कि मुझे यह कहने में ये संकोच भी नहीं है कि थानों और तहसीलों में ऐसा भ्रष्टाचार मैंने अपने 42 साल के राजनैतिक जीवन में नहीं देखा। ऐसा भ्रष्टाचार ना कभी सोच सकते थे, न ही देख सकते थे। ये अकल्पनीय है। जिलों में बिजली थाने खुल गए हैं। एक बल्ब हमने घर में ज्यादा जला लिया तो तुरंत बिजली थाने वाले पहुंच जा रहे हैं। मुकदमा लिखा दूंगा कहकर वसूली कर रहें हैं। क्या हम अपराधी हैं, जो हम पर कार्रवाई कर रहे हैं। थानों और तहसीलों का भ्रष्टाचार समाप्त हो, तभी मतदाताओं का सही मायने में सम्मान है। इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी पदधिकारी, कार्यकर्ता एवं मतदाता मौजूद रहे।