मुंबई
महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर आए दिन बड़े खुलासे हो रहे हैं। उन पर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके दिव्यांगता प्रमाणपत्र हासिल करने का आरोप है। यह मामला सामने आने के बाद उन्हें जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से हटा दिया गया है और जांच के लिए बुलाया गया है। अब पूजा खेडकर लेकर अब नया खुलासा हुआ है। एक निजी न्यज चैनन द्वारा प्राप्त दस्तावेजों से पता चला है कि पूजा फर्जी पते और राशन कार्ड का उपयोग करके विकलांगता प्रमाण पत्र प्राप्त किया। खेडकर ने यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल में ‘प्लॉट नंबर 53, देहू-आलंदी, तलवड़े’ का पता दिया था। उन्होंने दावा किया कि यह पिंपरी-चिंचवड़ में उनका घर है।
हालांकि जांच में पता चला है कि यह पता थर्मोवेरिटा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी का है, जो अब बंद हो चुकी है। यह कोई आवासीय संपत्ति नहीं है। इसके अलावा, थर्मोवेरिटा कंपनी के नाम पर एक ऑडी कार भी पंजीकृत है। पिंपरी-चिंचवड़ नगर पालिका के कर संग्रह विभाग के अनुसार, इस कंपनी पर पिछले तीन साल से 2.7 लाख रुपये का बकाया है। इन दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि कंपनी के पते का उपयोग करके एक फर्जी राशन कार्ड बनाया गया था। खेडकर ने इसी राशन कार्ड का इस्तेमाल विकलांगता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए किया था। उन्होंने प्रमाण पत्र के लिए लोकोमोटर डिसेबिलिटी का दावा किया था। 24 अगस्त, 2022 को जारी किए गए प्रमाण पत्र में कहा गया है कि उनके घुटने में सात प्रतिशत विकलांगता है।
पूजा खेडकर पर लगे ये आरोप
पूजा खेडकर पर फर्जी प्रमाण पत्र के आरोपों के साथ-साथ विशेषाधिकारों की मांग करने और पुलिस अधिकारियों को धमकाने जैसे गंभीर आरोप भी हैं। पुणे के जिला कलेक्टर सुहास दिवासे ने उनके आचरण के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद खेडकर का तबादला पुणे से वाशिम एक सहायक कलेक्टर के रूप में कर दिया गया। आरोप है कि उन्होंने ज्वाइनिंग से पहले ही अलग कार्यालय, सरकारी आवास, कार और सहायक स्टाफ की मांग की थी। प्रोबेशनरी अधिकारी इन सुविधाओं के हकदार नहीं होते हैं।
पूजा ने खुद पर लगे आरोपों को बताया गलत
केंद्र सरकार द्वारा गठित एक समिति खेडकर के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही है। सरकार ने मंगलवार को उनके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोक दिया और उन्हें कार्रवाई के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी वापस बुला लिया। हालांकि, खेडकर ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि वह गलत सूचना और फर्जी खबरों का शिकार हुई हैं। उन्होंने पुणे के जिला कलेक्टर के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत भी दर्ज कराई है।