कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव और उपचुनाव में हार के बाद प्रदेश के बीजेपी नेताओं के तेवर बदल गए हैं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के नारे को भी बदल दिया है। बुधवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक विवादित बयान दे डाला . उन्होंने कहा कि हिंदू बचाओ, संविधान बचाओ। अब पार्टी सिर्फ वोट देने वाले हिंदू समुदाय की बात करेगी। उन्होंने कहा कि मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों के बारे में बात की थी और आप सभी ने भी कहा था कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ लेकिन मैं इसे अब और नहीं कहूंगा, बल्कि अब हम कहेंगे ‘जो हमारे साथ हम उनके साथ’। सबका साथ, सबका विकास बंद करो’।
मुसलमान कभी हमें वोट नहीं देंगे…
प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि मुसलमान हमें कभी वोट नहीं देंगे और भविष्य में किसी भी तरह की कोशिश से केवल समय और संसाधनों की बर्बादी होगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अल्पसंख्यक मोर्चे की जरूरत नहीं है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से एक बार फिर एकजुट होकर टीएमसी के खिलाफ लड़ने की अपील की।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 12 सीटें मिलीं। टीएमसी ने राज्य की 42 में से 29 सीटें जीत ली थीं। बीजेपी ने इस चुनाव में संदेशखाली का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था, इसके बाद भी उसे 6 सीटों का नुकसान हुआ। चुनावों में हार के बाद पार्टी के मंथन में यह सामने आया कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोटरों ने एकतरफा टीएमसी के लिए वोट किया। बीजेपी को किसी भी लोकसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यकों का वोट नहीं मिला।
हिंदुओं को वोट देने से रोका, इसलिए हारे चुनाव…
पिछले दिन हुए विधानसभा उपचुनाव में भी टीएमसी ने चार सीटें जीत लीं और बीजेपी का स्कोर जीरो रहा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुवेंदु अधिकारी ने हार के लिए बंगाल पुलिस और टीएमसी के आतंक को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा था कि हिंदुओं को उपचुनावों में वोट देने की अनुमति नहीं दी गई…लोकतंत्र कहां है? उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में 50 लाख हिंदू वोट नहीं कर पाए थे। उपचुनाव में भी 2 लाख हिंदुओं को वोट नहीं देने दिया गया।