नई दिल्ली:
यूपी के गोंडा में गुरुवार दोपहर चंडीगढ़ से असम जा रही डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। गोरखपुर रेल खंड के मोतीगंज बॉर्डर पर हुए इस हादसे में चार यात्रियों की मौत हो गई , जबकि 20 ज्यादा पैसेंजर घायल हो गए। यह इस साल की तीसरी चौथी रेल दुर्घटना है। 17 जून को भी पश्चिम बंगाल के सियालदह जाने वाली दार्जिलिंग में कंचनजंघा एक्सप्रेस की चार बोगी मालगाड़ी की टक्कर के बाद पटरी से उतर गई थी। कंचनजंघा हादसे में 9 लोगों की मौत हुई थी और 40 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। रंगापानी स्टेशन के पास हुई दो ट्रेनों की टक्कर में जांच के बाद पता चला कि सिग्नल में खराबी और मेमो में गड़बड़ी के कारण एक्सिडेंट हुआ था। इससे पहले 17 फरवरी 2024 को दिल्ली के सराय रोहिल्ला रेलवे के पास एक मालगाड़ी के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। 2 जून 2024 को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में सरहिंद के माधोपुर के पास दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गईं थी। इस टक्कर में दो ट्रेन ड्राइवर घायल हो गए थे।
पिछले साल बालासोर हादसे में गई थी 293 लोगों की जान
करीब एक साल पहले 2 जून 2023 को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसा भयानक था, जिसमें 296 लोग मारे गए थे और 1200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 29 अक्टूबर 2023 को दो पैसेंजर ट्रेनें टकरा गई थीं। 29 अक्टूबर 2023 को आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन ने विशाखापत्तनम पलासा ट्रेन को पीछे से टक्कर मारी थी। दो पैसेंजर ट्रेनों की टक्कर में 14 यात्रियों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा यात्री घायल हो गए थे।
पिछले दो सालों में ये रेल हादसे भी हुए
इसके अलावा 26 अगस्त 2023 को लखनऊ से रामेश्वरम जा रही ट्रेन में तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन के पास आग लग गई थी। इस हादसे में 10 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। रेलवे ने बताया कि आग गैस सिलेंडर की वजह से लगी। वहीं 11 अक्टूबर को बिहार के बक्सर में रघुनाथपुर स्टेशन के पास दिल्ली से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 13 जनवरी 2022 को बिकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में पटरी से उतर गए थे। इस रेल हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी और 36 लोग घायल हुए थे।