टोरंटो:
कनाडा में पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एजेंट के रूप में पहचाने जाने वाले एक व्यक्ति को अज्ञात लोगों ने आग लगाकर मार डाला। सूत्रों के अनुसार मारे गए व्यक्ति की पहचान राहत राव के नाम से हुई है। उसका कनाडा के सरे सेंट्रल इलाके में फॉरेक्स का कारोबार है। कहा जाता है कि राहत राव कनाडाई-पाकिस्तानी समुदाय से ताल्लुकात रखते हैं। सरे वही इलाका है, जहां खालिस्तानी आतंकवादी हरजीत सिंह निज्जर की गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
ISI एजेंट की कैसे हुई हत्या
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब हुई जब एक व्यक्ति “मनी एक्सचेंज के काम” के लिए राहत के कार्यालय में गया था। इसके बाद उस व्यक्ति ने राव को आग के हवाले कर दिया और भाग गया। सितंबर 2023 में, खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या के सिलसिले में राव से कनाडा के सरे में पूछताछ की गई। कनाडाई पुलिस ने राव के इस घटना से जुड़े होने को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की गई है, हालांकि आशंका है कि निज्जर की हत्या के तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हो सकते हैं।
निज्जर हत्याकांड में हुई थी पूछताछ
News18 ने एक अज्ञात सूत्र के हवाले से बताया है, “RCMP रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने अपने दौरे का कारण सार्वजनिक रूप से नहीं बताया, लेकिन यह संभवतः निज्जर की हत्या के बारे में उनकी जानकारी से संबंधित था।” निज्जर को 2020 में भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकवादी घोषित किया था। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की कथित “संभावित” संलिप्तता का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में गिरावट आई थी।
भारत-कनाडा तनाव
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका” बताते हुए खारिज कर दिया। भारत यह कहता रहा है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा कनाडा की धरती से सक्रिय खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी दंड के जगह दे रहा है। भारत लगातार कनाडा पर अपनी धरती से सक्रिय भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना रहा है। हाल ही में एक बयान में, विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जिन्होंने बार-बार भारतीय नेताओं, संस्थानों, एयरलाइनों और राजनयिकों को हिंसा के जरिए धमकाया है।