एमपी के सागर में दीवार गिरने से 9 बच्चों की मौत, मिट्टी का शिवलिंग बनाने इकट्ठे हुए थे बच्चे

सागर

मध्य प्रदेश के सागर में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया जिसमें मंदिर के पास की दीवार गिरने से करीब 9 बच्चो की मौत हो गई. मृतकों की उम्र 9 से 19 के बीच बताई जा रही है. वहीं 4 बच्चे घायल हैं जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. ये घटना रहली विधानसभा के सानौधा थाना क्षेत्र की है. बताया जा रहा है कि शाहपुर के हरदौल मंदिर में शिवलिंग निर्माण और भागवत कथा का आयोजन हो रहा था.

शिवलिंग बना रहे थे बच्चे, तभी हुआ हादसा
सुबह करीब 10 बजे पार्थिव शिवलिंग निर्माण कार्यक्रम चल रहा था. रविवार की छुट्टी होने के चलते शिवलिंग बनाने के लिए बच्चे भी पहुंचे थे. जिस जगह बच्चे बैठकर शिवलिंग बना रहे थे, वहीं मंदिर परिसर के बगल वाली दीवार भरभराकर गिर गई. जिसमे कुछ बच्चे दब गए. जेसीबी से मलबा हटाकर शव और घायल बच्चों को बाहर निकाला गया. दीवार करीब 50 साल पुरानी बताई जा रही है. इस हादसे की जानकारी लगने पर रहली विधानसभा से विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी शाहपुर पहुंचे.साथ ही मौके पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी पहुंचे.

कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि बच्चे कार्यक्रम स्थल पर बने टेंट में खेल रह थे. तभी अचानक मंदिर परिसर के बगल की दीवार ढह गई, जिसमें दो बच्चों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. पुलिस प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन कुछ और बच्चों ने रास्ते में दम तोड़ दिया जबकि कुछ ने अस्पताल पहुंचकर दम तोड़ दिया. कुल 9 बच्चों की मृत्यु हुई है.वहीं, इस हादसे पर सीएम मोहन यादव ने दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है.

भागवत कथा का चल रहा था आयोजन
हरदौल मंदिर में शिवलिंग निर्माण एवं भागवत कथा का आयोजन चल रहा था। रविवार, 4 अगस्त को भी शिवलिंग बनाने का कार्य जारी था। अवकाश के दिन होने के कारण, 8 से 14 साल के कई बच्चे भी वहां शिवलिंग बनाने के लिए पहुंचे थे। शिवलिंग निर्माण के दौरान अचानक मंदिर परिसर के पास स्थित करीब पचास साल पुरानी एक कच्ची दीवार गिर गई, जिससे यह दुखद हादसा हुआ।

कैसे हुआ हादसा
हरदौल मंदिर में शिवलिंग निर्माण और भागवत कथा का आयोजन चल रहा था। सावन के महीने में यहां रोज़ाना सुबह से शिवलिंग बनाए जा रहे थे। रविवार को छुट्टी का दिन था, इस वजह से 8 से 14 साल के कई बच्चे भी बड़ी संख्या में वहां मौजूद थे। बच्चे जब शिवलिंग बना रहे थे, तभी मंदिर के पास की करीब पचास साल पुरानी एक कच्ची दीवार अचानक भराभराकर गिर गई। दीवार सीधे उन बच्चों के ऊपर गिरी जो शिवलिंग बना रहे थे। इस हादसे में कई बच्चे दीवार के नीचे दब गए, जिसमें से आठ बच्चों की मौत हो गई।

भारी बरसात नहीं झेल पाई दीवार
इस घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और तत्काल ही दीवार के मलबे को हटाने का कार्य शुरू हुआ। नगर परिषद, पुलिस और नगर वासी राहत कार्य में जुट गए। यह दीवार मंदिर परिसर के बगल में स्थित थी और पिछले पचास वर्षों से जर्जर स्थिति में थी। इसके नवीनीकरण या हटाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। पिछले 24 घंटे में सागर में 104 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जिससे कच्चे और जर्जर निर्माणों पर प्रभाव पड़ा और इस दीवार के गिरने का खतरा बढ़ गया।

अस्पताल में व्यवस्था की कमी से हंगामा
हादसे के बाद घायलों को आनन-फानन में अस्पताल लाया गया, लेकिन वहां डॉक्टर मौजूद नहीं मिले, केवल एक कर्मचारी मौजूद था। स्थानीय निवासियों ने इस पर जमकर हंगामा किया। लोगों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर अक्सर आते हैं और सिर्फ साइन करके चले जाते हैं। अस्पताल में घायल बच्चों की मरहम-पट्टी करने वाला भी कोई नहीं था, जिससे लोगों का गुस्सा और भी बढ़ गया।

सीएम मोहन यादव ने किया मदद का ऐलान
सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,’आज सागर जिले के शाहपुर में हुई अतिवृष्टि के कारण जर्जर मकान की दीवार गिरने से 9 मासूम बच्चों के काल कवलित होने की खबर सुनकर मन व्यथित है. घायल बच्चों के उचित इलाज के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया है. भगवान से करबद्ध प्रार्थना है कि दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करें. हादसे में घायल अन्य बच्चों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं. जिन परिवारों ने मासूम बच्चों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. मृतक बच्चों के परिजनों को शासन की तरफ से 4 -4 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी.’

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