कूनो नेशनल पार्क से आई बैड न्यूज, प्रोजेक्ट चीता को बड़ा झटका, गामिनी के एक और शावक की मौत

श्योपुर

चीता प्रोजक्ट को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को एक और चीते की मौत हो गई है। चीते की मौत हड्डी टूटने के कारण हुई है। 29 जुलाई को शाम नियमित निगरानी के दौरान मादा चीता गामिनी के पांच शावकों में से एक शावक अपने शरीर के पिछले हिस्से को उठाने में असमर्थ दिखाई दे रहा था। जांच के दौरान थोड़ी देर बाद शावक के शरीर का पूरा पिछला हिस्सा घसीट रहा था वह ठीक तरीके से चल नहीं पा रहा था।

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं संचालक ने शावक के मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि चीते की हालत देखकर उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां चीते की आवश्यक जांच की गई थी। जांच में बाद पाया गया कि चीता शावक की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर था। सोमवार सुबह शावक की तबीयत एक बार फिर से खराब हो गई। आनन-फानन में उसका उपचार शुरू किया गया लेकिन दुर्भाग्य से शावक की मौत हो गई। उसे बचाया नहीं जा सका।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में होगा खुलासा
अधिकारी ने कहा- पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद चीते के मौत का सही कारण पता चलेगा। उन्होनें कहा कि शेष 13 वयस्क चीते और 12 शावक स्वस्थ और सामान्य हैं। वयस्क चीतों की लगातार निगरानी की जा रही है। वहीं, अन्य परजीवी संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक उपचार भी चीतों को दिया गया है।

10 मार्च को पांच चीतों का हुआ था जन्म
10 मार्च को मादा चीता गामिनी ने कूनो नेशनल पार्क में पांच शावकों को जन्म दिया था। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री ने इनके वीडियो ट्वीट किए थे और खुशी जाहिर की थी। शावकों के जन्म के बाद 4 जून को भीषण गर्मी की वजह से एक शावक की मौत हो गई थी। अब 5 अगस्त को दूसरे शावक की मौत हुई है। बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में अभी तक कुल 12 चीतों की मौत हो चुकी है। जिसमें सात चीते और 5 शावक शामिल हैं।

अफ्रीका से आई थी गामिनी
बता दें कि मादा चीता गामिनी को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। एमपी के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क को प्रोजेक्ट चीता के लिए चुना गया है। यहां विदेश से चीते लाकर छोड़े गए हैं। कई बार चीते बड़े बाड़े से निकलकर गांवों में घुस गए थे।

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